मस्क बोले- खुद अपने दिमाग में लगवाएंगे न्यूरालिंक इंप्लांट, भेड़, सुअर और बंदर पर हो चुका परीक्षण

मस्क ने दावा किया था कि छह माह में इसका मानवीय परीक्षण शुरू हो जाएगा और सर्वप्रथम दृष्टिबाधितों व पैरालिसिस मरीजों की मदद की जाएगी. इसी दौरान उन्होंने कहा, यह इंप्लांट पूरी तरह तैयार है. मंजूरी मिलने के बाद एक डेमो इंप्लांट वे खुद लगवाएंगे. उनके इस बयान को लेखक व पत्रकार एश्ली वेन्स ने ट्वीट किया, तो मस्क ने पुष्टि की- हां, वे जरूर लगवाएंगे. फिलहाल, इस तरह की डिवाइस पर काम कर चुके पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के न्यूरोसर्जन और न्यूरोसाइंटिस्ट डेनियल योशोर, ने कहा कि वे मस्क के दावे से ज्यादा हार्डवेयर से प्रभावित हैं. हालांकि, यह शरीर व मस्तिष्कीय क्षमताओं को बहाल करने या नाटकीय तौर बढ़ाने की क्षमता देने वाला नहीं लगता है.

भेड़, सुअर और बंदर पर हो चुका है परीक्षण

अमेरिका के पशुपालन व कृषि विभाग के पास दायर रिकॉर्ड के अनुसार मस्क की कंपनी  अब तक भेड़, सूअर और बंदर पर न्यूरालिंक डिवाइस का परीक्षण कर चुकी है. मस्क ने 2020 में न्यूरालिंक की मदद से सुअर की दिमागी हरकतों को दिखाया था. वहीं, 2021 में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि न्यूरालिंक लगने के बाद बंदर को पोंग नाम का वीडियो गेम खेलना सिखाया गया.

मिलते-जुलते मामलों में मिल चुकी है मंजूरी

दिमाग को मशीन (कंप्यूटर) से जोड़ने की तकनीक (ब्रेन-मशीन इंटरफेस) पर दशकों से शोध हो रहा है. 2004 में एफडीए की मंजूरी के बाद शोधकर्ताओं ने एस्पिरिन की छोटी गोली के आकार एंटीना दिमाग में लगाया था, यह एक तार के जरिये कंप्यूटर से जुड़ता था. इस न्यूरल इंटरफेस को ब्रेन गेट कहा जाता है.

Web Title : MUSK SAYS HE WILL PUT NEURALINK IMPLANTS IN HIS BRAIN, TESTS DONE ON SHEEP, PIGS AND MONKEYS

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