भुखमरी के आगे मजबूर हुआ पाकिस्तान, यूएई के सामने नहीं लिया ´कश्मीर´ का एक बार भी नाम

देश में भारी आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ एक अहम मुलाकात की है. इस  दौरान दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय, राजनीतिक और सुरक्षा मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. लेकिन इस दौरान सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि पाकिस्तान ने यूएई के सामने एक बार भी  कश्मीर का नाम नहीं लिया. इतना ही नहीं यूएई ने भी कश्मीर का एक बार भी जिक्र नहीं किया.

आखिर पाकिस्तान ने कश्मीर का नाम क्यों नहीं लिया?

दरअसल, आर्थिक तंगी से जूझ रहे देश पाकिस्तान को अभी मदद की सख्त जरूरत है और ऐसे में पाकिस्तान कश्मीर और भारत का नाम लेकर मामले को बिगाड़ना नहीं चाहता है. पाकिस्तान को पता चल चुका है कि खाड़ी देशों में भारत का प्रभुत्व पहले से काफी अधिक बढ़ गया है. ऐसे में अगर पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापता है तो उसे फटकार भी लग सकती है.  

दोनों देशों के बीच इन मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रमुख क्षेत्रों में मूर्त और सार्थक द्विपक्षीय सहयोग विकसित करने की दृष्टि से, दोनों पक्ष विशेष रूप से सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी और सहयोग को मजबूत करने के लिए परामर्श और समन्वय को तेज करने और डिजिटल डिवाइड को पाटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त बयान पढ़कर यह जानकारी दी है.

12-13 जनवरी को यूएई की यात्रा पर थे शहबाज शरीफ

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 12-13 जनवरी को संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक यात्रा की है और कार्यभार संभालने के बाद शरीफ की यह तीसरी यूएई की यात्रा थी. इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. संयुक्त बयान में कहा गया है, कि दोनों पक्षों ने मानव तस्करी से निपटने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के राजनयिक अकादमियों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.  

Web Title : PAKISTAN FORCED TO TAKE KASHMIR NAME IN FRONT OF UAE

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