लंदन, सैन फ्रांसिस्को समेत कुछ अन्य देशों में स्थित भारतीय दूतावासों पर खालिस्तानियों द्वारा हमलों की खबर से सिख समुदाय में खासा आक्रोश है. अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के नेताओं ने इसको लेकर विरोध जताया है. सिख नेताओं ने इन घटनाओं की निंदा की और कहा कि खालिस्तानी आंदोलन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.
वाशिंगटन डीसी में रहने वाले सिख नेता जसदीप सिंह ने कहा, ´हम सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास के बाहर हुई किसी भी हिंसा या लंदन में भारतीय ध्वज के अपमान की निंदा करते हैं. हर किसी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन यह शांतिपूर्ण होना चाहिए और कोई हिंसा या तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए. ´
उन्होंने आगे कहा, ´आप मीडिया में जो कुछ भी देख रहे हैं कि अमेरिका और कनाडा में खालिस्तान आंदोलन चल रहा है, वह सब बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. उत्तरी अमेरिका में दस लाख से अधिक सिख रहते हैं और उनमें से केवल 50 भारतीय दूतावास के बाहर विरोध करने के लिए दिखाई देते हैं. ´
सिख नेता बालगेंद्र सिंह शमी कहते हैं, ´पंजाब में जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं यूनाइटेड किंगडम और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुई हिंसा की घटना की भी निंदा करता हूं. हम लोकतांत्रिक देश हैं, हमें विरोध करने का पूरा अधिकार है लेकिन यह शांतिपूर्ण होना चाहिए. ´
अब तक क्या-क्या हुआ?
भारत में वारिस पंजाब दे संगठन के जत्थेदार और खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. इसी कार्रवाई से खालिस्तान समर्थक तमतमाए हुए हैं. ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों में खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावासों पर हमला किया. लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने तिरंगे का अपमान करने की कोशिश की. तोड़फोड़ भी की. इसी तरह अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में भी भारतीय दूतावास पर खालिस्तानियों ने हमला कर दिया.