बालाघाट. जिले में भले ही चुनावी राजनीतिक शोरगुल अभी प्रारंभ नहीं हुआ है, लेकिन राजनीति की गर्मी, नेताओं के बयानो में दिखाई दे रही है. 27 मार्च को कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सभा करने बालाघाट पहुंचे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतु पटवारी ने पूर्व सांसद कंकर मंुजारे को लोकतंत्र और देश बचाने के लिए कांग्रेस का साथ देने का संदेश देने विधायक अनुभा मुंजारे से कहा था.
जिस पर बसपा प्रत्याशी पूर्व सांसद कंकर मंुजारे ने पलटवार किया है. एक निजी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे, कंकर मुंजारे ने मीडिया के सामने प्रदेशाध्यक्ष जीतु पटवारी को नासमझ बताते हुए कहा कि एक हारे हुए नेता को कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष बना दिया. उन्होंने कहा कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र में यदि कांग्रेस, भाजपा को हराना चाहती है और लोकतंत्र को बचाना चाहती है तो वह बसपा को समर्थन दे. उन्होंने कहा कि जीतु पटवारी, भाजपा को हराने की बात नहीं कंकर को हराने की बात करते है. जिससे साफ है कि कांग्रेस ने भाजपा से सेटिंग कर ऐसे प्रत्याशी को टिकिट दी है, जो दो सालों से जिला पंचायत अध्यक्ष होने के बाद भी कोई काम नहीं करवा पाए. अपना बंगला तक खाली नहीं करवा सके और कहते है कि हमारी कोई सुनता नहीं, हमारी कोई मानता नहीं. जिसे कोई नहीं पहचानता है, जिसके पास अनुभव नहीं है, उसे कांग्रेस ने टिकिट दे दिया है. जिसकी जमानत तक जब्त हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि चूंकि हमारी लोगांे का कहना था कि हम कांग्रेस से चुनाव लड़ो, वरना हम कभी कांग्रेस में नहीं जाने वाले थे. कांग्रेस ने हमें टिकिट ना देकर ना केवल हमारे साथ बल्कि जनता के साथ भी विश्वासघात किया है. उन्हांेने कांग्रेस प्रत्याशी की टिकिट बदलने दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले विधायक अनुभा मुंजारे, विवेक पटेल, संजय उईके, पूर्व विधायक हीना कावरे और पूर्व सांसद बोधसिंह भगत पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो कांग्रेस उम्मीदवार का ठीक नहीं बताकर टिकिट बदलने गए थे कि इसे हटाओ, वह मुंह लटकाए वापस लौटे है, वह मुरझाए चेहरे लेकर आए है, जिन्होने वहां जहां बोला कि कांग्रेस का उम्मीदवार खराब है और यहां वोट मांगने अब उसे अच्छा बोलेंगे. जो दर्शाता है कि कांग्रेस को संसदीय क्षेत्र में जीत से कोई मतलब नहीं हैं. संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की जमानत जब्त होगी और जनता की आवाज बनकर हम लोकसभा में जाएंगे. हाथी लोकसभा पहुंचेगा.