वनकर्मियों की पिटाई से प्रताड़ित पीड़ितो ने एसपी को सौंपा ज्ञापन, वनकर्मियो पर कार्यवाही की मांग

बालाघाट. बाघ के कथित शिकार मामले में पूछताछ के नाम पर नारवंजपार के तीन आदिवासियों के साथ वनकर्मियों द्वारा की गई पिटाई का मामला अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पहंुच गया. आदिवासी विकास परिषद आदिवासी विकास परिषद दिनेश धुर्वे और युवा अध्यक्ष शुभम उईके के नेतृत्व में तीनो ही पीड़ितो लोकेश उइके, ताराचंद और प्रकाश मर्सकोले ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर, पूछताछ के नाम पर बेल्ट और डंडे से मारपीट करने वाले वनकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की.  तीनो पीड़ितो ने बताया कि वनकर्मियों ने उन्हें घर से उठाकर तिरोड़ी ले गए. जहां उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई. पहले चमड़े के बेल्ट से मारा और उसके टूटने के बाद लाठी से पिटाई की. यही नहीं बल्कि वह गर्म पानी भी डाल रहे थे.  

गौरतलब हो कि महिनो पूर्व वारासिवनी परिक्षेत्र में एक बाघ का शव मिला था. जिसमें वनविभाग की टीम ने महिनों बाद कुछ आरोपियो को पकड़ा. जिन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है लेकिन अब भी वनविभाग, बाघ के शव के अन्य अवशेष को बरामद नहीं कर सका है. जिसमें अन्य अवशेषों की पूछताछ के लिए विगत 29 मई को वन विभाग के रेंजर्स, उड़नदस्ता नारवंजपार के तीन आदिवासियो को अपने साथ लेकर गई थी. जिसके बाद पूछताछ के नाम पर वनकर्मियों ने लोकेश उइके, ताराचंद और प्रकाश मर्सकोले के साथ डंडे और चमड़े के बेल्ट से बेदम पिटाई की. पीड़ित प्रकाश मर्सकोले ने बताया कि पहले चमड़े के बेल्ट से पिटाई की. जिसके टूटने पर उन्होंने डंडे से मारा. इस दौरान वह गर्म पानी भी डालते रहे. वह पूछ रहे थे कि बाघ के मूंछ के बाल, दांत और नाखून कहां है बताओ. पीड़ितो ने कहा कि इसके बाद वनकर्मियों ने बाघ के शिकार मामले मंे पकड़ाए आरोपियों से हमारी शिनाख्ती कराई. जिन्होंने हमें पहचानने से इंकार कर दिया.  

पीड़ितों का आरोप है कि इसके बाद वह हमें गांव के बाहर छोड़कर चले गए. प्रकाश मर्सकोले का कहना है कि इस मामले मंे हम निर्दोष है, बावजूद हमारे साथ पूछताछ के नाम पर बेरहमी से पिटाई की गई. हमारी पुलिस अधीक्षक से मांग है कि वनकर्मियों पर पिटाई करने के मामले में अपराध दर्ज कर उनके खिलाफ कार्यवाही करंे.  इस मामले को लेकर  आदिवासी विकास परिषद, वनविभाग पर हमलावर हो गया है. जहां गत दिनों पीड़ित तीन आदिवासियों और उनके परिवार ने अजाक्स थाने में शिकायत की. वहीं 01 जून को घटना को लेकर बैठक की और 03 जून को पुलिस अधीक्षक के नाम पीड़ितो के साथ ज्ञापन सौंपा.

आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे और युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष शुभम उईके ने इस घटना को आदिवासियों पर अत्याचार बताते हुए कहा कि तीन निर्दोष आदिवासियो के साथ वनविभाग के वनकर्मियों ने शेर के नाखून, मूंछ और दांत को लेकर बेरहमी से मारपीट की गई है, जिन पर अपराधिक मामला दर्ज करने के साथ ही उन पर विभागीय कार्यवाही की जाए. उन्होंने कहा कि जिले में आदिवासियों को झूठे प्रकरण में फंसाने का काम किया जा रहा है, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि वनकर्मियों पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो आदिवासी विकास परिषद के साथ पूरे जिले के आदिवासी आंदोलन करेंगे.


Web Title : TORTURED BY BEATING OF FOREST PERSONNEL, VICTIMS SUBMIT MEMORANDUM TO SP, DEMAND ACTION AGAINST FOREST PERSONNEL