चुनाव के पूरे खर्च का देना होगा ब्यौरा : उपायुक्त

धनबाद : लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार अब 10 हजार तक ही नकद में लेनदेन कर सकते है, उससे अधिक के भुगतान के लिए चेक या अकाउंट में ट्रांन्सफर करना अनिवार्य होगा. उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों को नामांकन से लेकर मतगणना और विजय जुलूस तक के पूरे खर्च का ब्यौरा देना होगा.  

उक्त बातें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ व्यय संबंधी विषयों पर समाहरणालय में आयोजित कार्यशाला में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री ए० दोड्डे ने कहा. उन्होंने बताया कि नामांकन के समय ही उम्मीदवारों को तीन प्रकार के रजिस्टर उपलब्ध कराये जाते है. जिसमें दैनिक खर्चे के लिए सफेद रजिस्टर, नकदी के लिए गुलाबी रजिस्टर और बैंक के द्वारा किए गए लेनदेन के लिए एक पीला रजिस्टर दिए जाते है. तीनों रजिस्टरों में उचित बिल के साथ एक-एक खर्चे का ब्यौरा देना होगा.  

 उन्होंने बताया कि एक उम्मीदवार को 70 लाख रूपए तक खर्च करने की अनुमति है. उम्मीदवारों अथवा पार्टी के द्वारा किए गए खर्चों का चार चरण में निरीक्षण किया जाएगा. मतदान पूर्व तीन निरीक्षण और अंतिम निरीक्षण मतदान के पश्चात् किया जाएगा.  

उम्मीदवार अगर अपनी गाड़ी से प्रचार करते है, तो उस गाड़ी का भाड़ा संबंधित उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा नहीं जाएगा, हालांकि ड्राईवर और ईंधन का खर्च जोड़ा जाएगा. साथ ही उम्मीदवारों के द्वारा झंडे, पोस्टर, कट आडट, नुक्कड़ आदि के खर्चे का हिसाब देना होगा. जुलूस, रैली की अनुमति के साथ एक अनुमानित खर्च का ब्यौरा भी देना होगा. प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का अनुपालन करना होगा. उम्मीदवार को नामांकन और खर्च के अंतिम ब्यौरा जमा करने के साथ खर्चे के सत्यापन का शपथ पत्र दाखिल करना होगा.  

अगर किसी उम्मीदवार के प्रचार के लिए कोई स्टार प्रचारक अकेले आते है, तो उसका खर्च पार्टी के खर्चे में जोड़ा जाएगा, यदि वो उम्मीदवार के साथ मंच साझा करते है, तो वो खर्च उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा. अगर कोई स्टार प्रचारक दो या दो से अधिक उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए मंच साझा करते है तो खर्च सभी उम्मीदवारों में बाँट दिया जाएगा.  

अगर स्टार प्रचारक हैलीकॉप्टर से आते है, तो हैलीपैड और लैंडिंग की अनुमति प्र्रशासन से लेनी होगी.   हैलीकॉप्टर के खर्च का ब्यौरा भी उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा, अगर कोई दल या उम्मीदवार हैलीकाॅप्टर के खर्च का ब्यौरा नहीं देते है, तो संबंधित विमानन कंपनी से खर्च का ब्यौरा माँगा जाएगा.  

उपायुक्त ने बताया कि उम्मीदवारों या दलों को अस्थायी चुनावी कार्यालय बनाने के लिए मकान मालिक से अनुमति लेना होगा. कार्यालय में होने वाले खर्च यथा चाय-नाश्ते, स्टेशनरी आदि का खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना होगा.