क्यों दिया जा रहा पॉयनियर कंपनी को समय पर समय, 4माह से कर्मचारियों को नही दिया जा रहा वेतन,चिरकुंडा में सफाई ठप, पॉयनियर कंपनी के रहने से कौन है मालामाल

निरसा(बंटी झा) : बीते 4 माह से चिरकुंडा नगर परिषद अंतर्गत कचरा उठाओ कंपनी पायनियर कंपनी में कार्यरत कर्मियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. पायनियर कंपनी एक ऐसा कंपनी है जो अपने कर्मियों का ईपीएफ व अन्य कई सुविधाओं का हक पर बराबर डाका डाल रहा है. जिससे तंग आकर पायनियर के सफाई कर्मी अनिश्चितकालीन धरना पर पिछले 5 दिनों से चले गए हैं. चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में सफाई ठप हो गई है. जिससे जहां तहां गंदगी का अंबार जमा है. प्रधानमंत्री द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. स्वच्छता अभियान के नारा लगाने वाले चिरकुंडा के भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि भी अपनी आंखों में पट्टी बांधकर मौन पर चले गए हैं. आज हाथो में झाड़ू लेकर स्वच्छता का नारा देने वाले  एयरकंडीशनर गाड़ियों के आनंद में खोए है और ग़रीब सफ़ाई कर्मचारी अपनी पेटो को बांध कर सोये है.  





81करोड़ की योजना बंदरबाट हो गयी...


 ठोस कचडा प्रबंधन योजना के तहत चिरकुंडा के वार्ड 21 सुंदरनगर मे 81करोड़ के लागत से 25 टन क्षमता का  सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया जाना था. जिसमे 21 वार्ड के कचडा को उक्त प्लांट में जमा कर कंपोस्ट खाद तैयार किया जाता. जिसको लेकर चिरकुंडा नगर परिषद के अध्यक्ष डब्लू बाउरी व कंपनी के डायरेक्टर अरुण सिंह वर्ष 2018 में चिरकुंडा नगर परिषद से हरी झंडी दिखाकर नगर परिषद कार्यालय से  कचरा उठाओ गाड़ी को रवाना किया था. यह गाड़ी नप चिरकुंडा ने पॉयनियर कंपनी से समझौता कर सुपुर्द किया गया था. उक्त गाड़ी 21 वार्डो से कचरा उठाकर सुंदरनगर प्लांट में जमा करती. कचडा उठाओ को लेकर कई कर्मियों को पॉयनियर कंपनी ने रखा था. जिसे आज तक ईपीएफ साथ वेतन समयनुसार नही दिया. अतः कर्मी हड़ताल पर चले गए. ज्ञात हो कि पूर्व में भी कंपनी के कर्मी को वेतन नही मिलने से कई बार हड़ताल किया है लेकिन कंपनी का रवैया अटल है. कारण उसे ऊपर बड़े बड़े राजनीतिक दलों का हाथ है. जो अपने मनमाना ढंग से कार्य करती है.




पैसों के बल पर ब्लैकलिस्ट पॉयनियर को  किया जाता है वाइट... . . .


पायनियर कंपनी पहले कई बार विवादों में रहा है. कंपनी स्थानीय बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसा कर नौकरी के नाम पर ठगी किया था. जिसके बाद मजदूरों ने पुलिस प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी.  

समय अनुसार पॉयनियर कंपनी अबतक तैयार नही होना और साफ सफाई कार्य सही से नही होने के किये चिरकुंडा नगर परिषद के बोर्ड बैठक में पॉयनियर कंपनी को कई बार ब्लैकलिस्ट किया गया. लेकिन चिरकुंडा को स्वर्ग बनाने वाले जनप्रतिनिधियों को चढ़ावा चढ़ा कर अपनी ब्लैकलिस्ट को बराबर वाइट् में बदलाव किया.  






सूडा डायरेक्टर का आदेश हवा हवाई... . . .

बीते दिन सूडा की डायरेक्टर प्रशांत कुमार का नप चिरकुंडा का दौरा था. विकास योजनाओं का काम का निरीक्षण को ले. वही श्री कुमार ने पॉयनियर कंपनी के सुस्त रवैये को देकर फटकार लगाते हुते अक्टूबर 2021तक कंपनी को अपने सभी कार्य को पूरा करने का और कंपनी सुचारू रूप से चालू करने का निर्देश दिया गया था जो अबतक पूरा नही हुआ. कंपनी के बाउंड्री वाल से प्रोजेक्ट के लिए मशीन साथ प्लांट नही चालू किया गया. और आज भी 81 करोड़ का योजना बर्बाद के कगार पर है. हालांकि आधा अधूरा प्रोजेक्ट एक सोने के अंडे देने वाली मुर्गी के तरह काम कर रही है. वर्षो से डोर टू डोर कचडा उठाव कर कचडा को वही दबा दिया जा रहा है. नप चिरकुंडा से मिले गाड़ी आधी खराब पड़ी है लेकिन कंपनी पूरे 12 गाड़ियों का पर्ची बिल पास करवाती है. कंपनी को बचाने के लिए कंपनी प्रबंधक द्वारा जनप्रतिनिधियों को प्रत्येक माह के लाखों का चढ़ावा चढ़ाया जा रहा है. और राज्य सरकार को चुना.


अगर जांच की जाय तो चिरकुंडा के सुंदर नगर स्थित पॉयनियर कंपनी का तो एक बहुत बड़ा घोटाला उभर कर सामने आएगा और कई लोग प्रबंधन से ले अधिकारी व जनप्रतिनिधि सलाखों के पीछे होंगे.

हालांकि पॉयनियर के डायरेक्टर से चिरकुंडा नगर परिषद के अधिकारियों का वार्ता चल रहा है. निर्णय लेने में कितना समय लगेगा ये कोई नही जानता.