दूसरे दिन भी जारी रही सहकारी कर्मचारियों की कामबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल

बालाघाट. जिला खाद्य अधिकारी एच. एस. चौधरी द्वारा समितियों को लेकर दिये गये भ्रष्टाचार के बयान पर कार्यवाही नहीं होने और 23 सहकारी समितियों को केन्द्र नहीं बनाये जाने से नाराज मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कर्मचारी संघ ने 16 अक्टूबर से काम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर दी है, जो आज 17 अक्टूबर को दूसरे दिन भी जारी रही. खास बात यह रही कि सहकारी बैंक मुख्यालय में समितियों के कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया. हड़ताल पर डटे सहकारी कर्मचारियों की मांगो को लेकर प्रशासन द्वारा कोई सकारात्मक हल नहीं निकाले जाने से अब सहकारी कर्मचारी आगामी दिनो में आंदोलन को तीव्र आंदोलन में बदलने की रणनीति तैयार कर रहे है और संभवतः आगामी कार्यदिवस सोमवार को सहकारी कर्मचारी संघ, जिले मंे अपनी मांगो को लेकर बड़ा आंदोलन कर सकता है.

सहकारी कर्मचारियों की कामबंद अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिले की सभी 126 सहकारी समितियों में ताले गये है. जिससे समितियो के माध्यम से कृषको को मिलने वाली सुविधाओं के अलावा पीडीएस की व्यवस्था चरमरा गई हैं. सूत्रांे से जानकारी मिली है कि समितियों के माध्यम से कृषकों को मिलने वाली सुविधायें और पीडीएस व्यवस्था के बंद होने से हो रही समस्याआंे को लेकर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने उपायुक्त सहकारिता बालाघाट को पत्र लिखकर जिले की समस्त दुकानों के संचालन की बात कही है, लेकिन सहकारी कर्मचारियों ने एकजुटता के साथ इसका विरोध किया है.  

सहकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान ने कहा कि सहकारी कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगो को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद, जिला प्रशासन द्वारा अब तक मांगो पर ध्यान नहीं दिया गया है. जिससे कर्मचारियो में भारी नाराजगी है, शासन की किसानों से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले सहकारी कर्मचारियों की मांगो पर प्रशासन की अनदेखी, समझ से परे है. उन्होंने एक बार फिर कहा कि जिला खाद्य अधिकारी श्री चौधरी द्वारा 23 केन्द्रो को भ्रष्टाचारी बताया गया था, जिसका विरोध करते हुए अधिकारी पर कार्यवाही की मांग और 23 केन्द्रो को धान उपार्जन के लिए खुलवाने की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इन दोनो मांगो का अब कोई संतोषजनक निराकरण नहीं किया गया. जिससे सहकारी कर्मचारियों में आक्रोश है. प्रशासन द्वारा संघ की मांगो को नहीं मानने के कारण सहकारी कर्मचारी आंदोलन की राह में है और जब तक जिला खाद्य अधिकारी पर कार्यवाही और 23 समितियों को धान उपार्जन केन्द्र नहीं बनाया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.  

सहकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष श्री चौहान ने कहा कि प्रशासन द्वारा धान उपार्जन के लिए किसानों की पंजीयन तिथि समाप्त होने तक 23 धान खरीदी केन्द्रो की स्थापना नहीं की गई, जिससे उन समितियों के तहत हजारों किसानों का धान उपार्जन कहां होगा, यह अनिश्चित है, जो किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है.  

अपनी मांगो को लेकर हड़ताल में सहकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष पी. सी. चौहान, उपाध्यक्ष एल. जे. बिसेन, एल. पी. सोनगढ़े, संरक्षक के. सी. टेंभरे, सचिव एम. पी. ठाकरे, प्रांतीय प्रतिनिधि दिनेश परिहार, सहसचिव कार्तिक बिसेन, कोषाध्यक्ष योगेन्द्र मातरे, राकेश पटले, महामंत्री चेतसिंह भगत, संगठन मंत्री जे. एल. पटले, प्रवक्ता शारदा परिहार, सूचना प्रसार मंत्री जियालाल लिल्हारे, बालाघाट शाखा अध्यक्ष चंद्रशेखर दुर्गवार, गोपाल लानगे, आर. एल. ऐड़े, बी. एल. ठाकरे, वारासिवनी शाखा अध्यक्ष सुरेन्द्र बिसेन, सुरेश पारधी सहित अन्य कर्मचारी साथी मौजूद थे.


Web Title : INDEFINITE STRIKE BY CO OPERATIVE EMPLOYEES CONTINUED FOR THE SECOND DAY