बालाघाट. वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए 29 नवंबर को कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में जिले के राईस मिलर्स की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में जिला विपणन अधिकारी देवेन्द्र यादव, जिला आपूर्ति अधिकारी एस. एस. चौधरी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रशासक आलोक दुबे एवं राईस मिलर्स उपस्थित थे. भले ही बैठक को लेकर जारी प्रशासनिक समाचार में राईस मिलर्स द्वारा वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए प्रारंभिक तौर पर 10-10 लाट का अनुबंध करने की सहमति प्रदान किये जाने की बात कही गई है, लेकिन जिला राईस मिलर्स एशोसिएशन ने टेस्ट मिलिंग या मिलिंग की राशि बढ़ाये जाने पर ही अनुबंध किये जाने की बात कहते हुए उक्त मांगो के पूर्ण नहीं होने पर कस्टम मिलिंग करने से हाथ खड़े कर दिये है.
जिला राईस मिलर्स एशोसिएशन द्वारा कलेक्टर के नाम दिये गये ज्ञापन में खरीफ वर्ष 2020-21 की धान मिलिंग से पूर्व टेस्ट मिलिंग करवाने की मांग की गई है. इसके साथ ही 6 विषयों के निराकरण का अनुरोध किया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से वर्ष 2017-18 के बारदाने का भुगतान, वर्ष 2017-18, 2018-19 के धान एवं चावल परिवहन की दर निर्धारित न होने के कारण बकाया पूर्ण भुगतान, वर्ष 2018-19 में शासन की नीति अनुसार अरबा चावल के स्थान पर उष्णा चावल जमा करने पर मिलर को प्रोत्साहन राशि का भुगतान, खरीफ वर्ष 2019-20 की जिले में धान मिलिंग पूर्ण होने पर बारदाना युजर की शेष राशि, मिलिंग चार्ज, प्रोत्साहन राशि एवं परिवहन व्यय का भुगतान, वर्ष 2019-20 में कुछ मिलर्स को बारदाना धान के साथ सीएमआर चावल जमा करने के अनुपात में प्राप्त नहीं हो पाया था, जिसके कारण चावल जमा नहीं होने की स्थिति में उक्त समस्या के निराकरण और मिलर के द्वारा सीएमआर चावल जमा करने के एक माह की समय-सीमा के पश्चात गुणवत्ता संबंधी कोई जवाबदारी मिलर्स की नहीं होगी, जैस विषयों का उल्लेख किया गया है.
जिला राईस मिलर्स एशोसिएशन जिलाध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत ने बताया कि बैठक में वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग को लेकर कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा चर्चा की गई. जिसमें पांच-पांच लॉट का अनुबंध कर स्थिति देखने की मंशा एशोसिएशन ने व्यक्त की थी, लेकिन इसको लेकर कोई सहमति प्रदान नहीं की गई थी. बैठक के बाद सभी व्यापारियों ने मिलिंग को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के विषय की बात रखी. जहां सर्वसम्मति से तय किया गया कि मिलर्स हित में वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग तब ही की जायेगी. जब तक टेस्ट मिलिंग नहीं होती या मिलिंग राशि बढ़ोत्तरी के आदेश नहीं होते है. जिले का कोई भी राईस मिलर्स धान की मिलिंग का अनुबंध नहीं करेगा.
इस दौरान जिला राईस मिलर्स एशोसिएशन अध्यक्ष जितेन्द्र मोनु भगत, राजेश भटेरे, प्रकाश सचदेवा, संजय बिसेन, विजय सुराना, विवेक राणा, गंभीर संचेती, आनंद ठाकरे, विशाल गंगवानी, राजु कोठारी, कन्हैया धनवानी, सुरेश चावला, दीपक तुलानी, जितेन्द्र टेंभरे सहित लगभग आधा सैकड़ा जिले के मिलर्स उपस्थित थे.