यह क्या हो रहा है कांग्रेस में, टिकिट बदलने दिल्ली की दौड़!

बालाघाट. पूरे देश में इस समय कांग्रेस मुश्किलो के दौर से गुजर रही है, मोदी प्रभाव से कांग्रेस, के लिए यह चुनाव करो या मरो का है, ऐसे में भी कांग्रेस एकजुट दिखाई नहीं दे रही है. बात करें बालाघाट जिले की तो यहां कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की अधिसूचना के चौथे दिन अर्थात् 23 मार्च को प्रत्याशी की घोषणा की है, माना जा रहा था कि चुनाव में नए चेहरे देने से कांग्रेस उत्साहित होकर लोकसभा चुनाव में सीट फतेह करने एकजुटता के साथ जुट जाएगी, लेकिन कांग्रेस में एकजुटता से ज्यादा बिखराव दिखाई दे रहा है.  

बालाघाट संसदीय सीट पर जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राटसिंह सरस्वार की घोषणा से कांग्रेसी ही खुश नहीं है, तो फिर कैसे संसदीय चुनाव को कांग्रेस फतेह कर पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है.  कांग्रेसी सूत्रों की मानें तो संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की टिकिट बदलने के लिए जिले के विधायक और पूर्व विधायक ने दिल्ली की दौड़ लगा दी है. बताया जाता है कि वह होली की धुरेड़ी को बालाघाट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए है, ताकि जिले की कांग्रेस की टिकिट को बदल सके. हालांकि उनका यह प्रयास कितना सफल हो पाएगा, यह तो वक्त बताएगा लेकिन कांग्रेस में ही संसदीय प्रत्याशी, नापसंद की खबर ना केवल चौंकाने वाली है, बल्कि चुनावी दृष्टिकोण से भी ठीक नहीं है. जब कांग्रेस में प्रत्याशी को पसंद नहीं किया जा रहा है तो फिर कैसे कांग्रेसी, आम जनता से प्रत्याशी के लिए वोट मांगने जाएंगे.  

हमेशा यह कहा जाता है कि कांग्रेस स्वयं नहीं हारती है, बल्कि कांग्रेस को कांग्रेसी ही हराते है, तो क्या संसदीय सीट पर प्रत्याशी बदलने की प्रक्रिया, कांग्रेस की हार का कारण बन सकती है?  सूत्रों की मानें तो संसदीय सीट पर प्रत्याशी का बदलना 90 प्रतिशत संभव नहीं है, चूंकि प्रत्याशी के नाम की घोषणा के साथ ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में नामांकन जमा करने के वक्त पार्टी फार्म भी प्रत्याशी के नाम से आ चुका है. जिससे यह उम्मीद कम ही है कि प्रत्याशी, बदला जाएगा. किन्तु कुछ लोगों का कहना है कि यदि टिकिट बदलती है तो केवल अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के वीटो से ही संभव है, ऐसे में जल्दबाजी में लिया गया प्रत्याशी बदलना का फैसला, कांग्रेस को और नुकसान हो सकता है. फिलहाल कांग्रेस में टिकिट बदलने को लेकर नेताओं के दिल्ली तक पहुंचने की सूत्रों के हवालों से खबर जब चली है तो निश्चित ही इसका जवाब भी कांग्रेस से मांगा जाएगा. अब देखना है कि कांग्रेस इस सवाल पर कैसे स्वयं को डिफेंड करती है.


Web Title : WHAT IS HAPPENING IN CONGRESS, RACE TO CHANGE TICKETS?