देश के 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को मिली ऑटोनॉमी, अब यूजीसी पर नहीं रहेंगे डिपेंडेंट

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को ऑटोनॉमी यानी स्वायत्तता दे दी है. अब ये यूनिवर्सिटीज अपने फैसले लेने के लिए यूजीसी पर डिपेंड नहीं रहेंगी. सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीज की तुलना में हमारे यहां भी यूनिवर्सिटी/कॉलेज स्टूडेंट्स को मनचाही सुविधाएं दे सकेंगे. बता दें कि यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ट भी सेल्फ गवर्निंग ऑटोनॉमस बॉडी है.

काफी लंबे समय से शिक्षण संस्थाओं की मांग रही है कि उन्हें संस्थान चलाने के लिए ज्यादा अधिकार दिए जाए. उनकी मांग मानते हुए सरकार ने ग्रेडेड ऑटोनॉमी किया है. यानी परफॉर्मेंस के आधार पर ऑटोनॉमी दी गई है. जो प्रिमियर इंस्टीट्यूट हैं मसलन जेएनयू, उन्हें ज्यादा से ज्यादा ऑटोनॉमी दी गई है. JNU जैसे संस्थान पहली कैटगरी में हैं जिनमें यूजीसी इन्सपेक्शन नहीं करेगी. बी कैटेगरी में अभी थोड़ा बहुत ही सही यूजीसी की निगरानी रहेगी लेकिन उसमें भी कई तरह की छूट दी जाएगी.

सरकार ने कुल 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को ऑटोनॉमी के लिए चुना है. इनमें 5 सेंट्रल यूनिवर्सिटी, 21 स्टेट यूनिवर्सिटी, 24 प्राइवेट यूनिवर्सिटी औप 10 अन्य कॉलेजों को भी स्वायत्तता दी गई है.

सेंट्रल यूनिवर्सिटी: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, तेलंगाना की इंग्लिश और फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी को शामिल किया है.

स्टेट यूनिवर्सिटी: जाधवपुर यूनिवर्सिटी (कोलकाता), अलगप्पा यूनिवर्सिटी (तमिलनाडु), नाल्सर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ तेलंगाना, सावित्री वाई फुले (पुणे), आंध्र यूनिवर्सिटी (विशाखापट्टम), नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (दिल्ली) समेत 21 यूनिवर्सिटी शामिल हैं.

प्राइवेट यूनिवर्सिटी: सोनीपत की ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, गुजरात की पंडित दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी को भी शामिल किया है.

Web Title : AUTONOMY, 60 HIGHER LEARNING INSTITUTIONS OF THE COUNTRY, WILL NO LONGER DEPENDENT THE UGC