ये दोनों होंगे आखिरी एंग्लो इंडियन सांसद, अगर खत्म हुआ आरक्षण

नई दिल्ली : 543 सांसद चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचते हैं. जबकि लोकसभा में कुल सांसदों की संख्या 545 होती है. तो बाकी के दो सांसद कहां से आते हैं?

संविधान के मुताबिक लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के लोगों के लिए दो सीटें आरक्षित होती हैं. इन दोनों प्रतिनिधियों को चुनाव नहीं लड़ना होता है. इन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं.

मोदी सरकार की नई घोषणा के बाद इन समुदाय के लोगों के लिए सीटें आरक्षित नहीं होंगी. बता दें कि हर दस साल के बाद आरक्षण को लेकर समीक्षा होती है. इस समीक्षा में तय होता है कि इन दो आरक्षित सीटों पर आरक्षण रखा जाए या नहीं.

25 जनवरी 2020 को आरक्षण की अवधि समाप्त हो रही है जिसे कैबिनेट ने नहीं बढ़ाने का फ़ैसला किया है. यानी अगर यह आरक्षण ख़त्म हुआ तो जॉर्ज बेकर और रिचर्ड हे एंग्लो इंडियन समुदाय के आख़िरी सांसद होंगे.

नियमत: लोकसभा की 543 सीटों में से 84 सीटें अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा, सरकार एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो सदस्यों को नामित करती है. जिसके बाद 545 सदस्यों का हाउस पूरा होता है.

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में, जॉर्ज बेकर और रिचर्ड हे को एंग्लो-इंडियन सदस्यों के तौर पर नामित किया गया था. जो जून 2019 तक सांसद रहे. लेकिन वर्तमान में यानी कि दूसरे कार्यकाल में कोई नामांकन नहीं किया गया था.

संविधान के अनुच्छेद 331 और अनुच्छेद 333 के मुताबिक लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के दो सदस्य और विधानसभा में एक सदस्य के आरक्षण का प्रावधान है.

अनुच्छेद 331 में ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि अगर राष्ट्रपति को लगता है कि लोकसभा में इस समुदाय का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है तो वह 2 लोगों को लोकसभा के लिए नामांकित कर सकते हैं.

वहीं विधानसभाओं में अनुच्छेद 333 के तहत ये आरक्षण लागू है. फिलहाल 14 राज्यों की विधानसभाओं में इस समुदाय के सदस्य नामांकित हैं. संविधान की अनुच्छेद 366 के मुताबिक़ अगर किसी व्यक्ति के पिता या उनके कोई पुरुष वंशज यूरोपीय रहे हों और वह भारत आकर बस गए हों तो वो एंग्लो इंडियन कहलाएंगे.

जॉर्ज बेकर एक भारतीय अभिनेता और राजनीतिज्ञ हैं. बेकर का जन्म 28 अक्टूबर 1945 को हुआ था. वे असमिया और बंगाली फिल्मों में अभिनय करते रहे हैं. साल 2014 में जॉर्ज बेकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. इस दौरान वे हावड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.

साल 2017 में बीजेपी सांसद जॉर्ज बेकर ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं पर, उनकी कार में तोड़-फोड़ करने और उनपर हमला करने का आरोप लगाया था. पुलिस के मुताबिक इस घटना में जॉर्ज बेकर और उनके साथियों को चोटें भी आई थीं. यह घटना बर्धमान के कालना इलाके में घटित हुई थी. वहीं दूसरे एंग्लो इंडियन सांसद प्रोफ़ेसर रिचर्ड हे हैं जो केरल राज्य से आते हैं. ये भी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं.

Web Title : BOTH OF THEM WILL BE THE LAST ANGLO INDIAN MP, IF SCRAPPED RESERVATIONS

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