रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, रोजगार सृजन का ब्लूप्रिंट जनता के सामने लाओ, तेजस्वी

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सियासी तौर पर नुकसान उठाना पड़ा था. नीतीश सरकार ने सोमवार को दो लाख 18 हजार 302 करोड़ 70 लाख रुपये का बजट पेश कर विकास के अपने एजेंडे को विस्तार देने की कवायद की है. बजट में प्रशिक्षण और बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने के कई ऐलान किए गए हैं ताकि आगे के लिए कोई मुद्दा न बन जाए. हालांकि, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार के बजट को ´ढोल का पोल´ और जनता का मजाक उड़ाने वाला करार दिया है.   

उपमुख्‍यमंत्री व वित्‍त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने अपने बजट संबोधन में कहा कि बिहार में साल 2021-22 के तहत 20 लाख रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे. रोजगार के ये अवसर सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में सृजित किए जाएंगे. पांच साल में बीस लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का मतलब साफ है कि हर साल चार लाख का औसत. अगर नीतीश सरकार ऐसा करने में सफल रहती है तो बिहार के श्रमिकों के लिए बड़ी सौगात होगी. नीतीश कुमार ने इसीलिए बजट को बिहार के विकास के मील का पत्थर बताया है.  

बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार के बजट में अपेक्षित प्रावधान या नीतिगत राहत की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सरकार का जोर उद्यमिता बढ़ाने पर अवश्य दिखा है. इसीलिए सरकार ने सीधे सरकारी नौकरी देने के बजाय बिहार के युवाओं को शिक्षा, कौशल विकास, शोध और रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए बड़े ऐलान किए हैं. बजट में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर निर्मित करने से लेकर युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने तक कई प्रावधान किये हैं. स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाली ´स्टार्ट अप´ कंपनियों के लिए भी सुविधाएं देने की घोषणा की गई है. प्रत्येक प्रमंडल में टूल रूम एवं ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया जाएगा.

बजट में युवाओं के साथ-साथ महिलाओं को भी सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सरकार ने स्किल-उद्यमिता विभाग का गठन भी शीघ्र किए जाने का ऐलान किया है. सरकार ने महिलाओं और युवाओं को उद्यम से जोड़ने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज और अनुदान की व्यवस्था की है. उद्यमिता को प्रोत्साहन देने और कौशल ट्रेनिंग के माध्यम से इसके लिए सक्षम बनाने का फैसला किया है, जिसके लिए सरकार महिलाओं को अधिकतम पांच लाख रुपये तक का अनुदान देगी. इसके अलावा पांच लाख मात्र रुपये केवल एक फीसद के ब्याज पर दिए जाएंगे. उद्योग विभाग में इस योजना पर दो सौ करोड़ रुपये के बैकअप की व्‍यवस्‍था की है.  

सरकार खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में फोकस है. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसद आरक्षण पहले से मिल रहा है, लेकिन अभी भी नौकरियों में उनकी संख्या कम है. जिला स्तरीय कार्यालयों में महिलाओं की संख्‍या बढ़ाने पर बल दिया जाएगा. इसके पीछे एक अहम वजह यह है कि बिहार में एनडीए की सत्ता वापसी में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका रही है, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने भी किया था.  

आरजेडी नेता तेजस्वी  यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ दलों ने विधानसभा चुनाव में 20 लाख रोजगार देने का ढोल खूब पीटा था. अब जब सत्ता में आ गए तो सरकार को रोजगार सृजन का ब्लूप्रिंट जनता के सामने रखना चाहिए था, पिछले पांच बजट से मुख्यमंत्री लगातार एक खेल स्टेडियम बनवाने की घोषणा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक घोषणा से बाहर नहीं आ पाया है. ऐसे ही रोजगार सृजन की बात सरकार कर रही है, लेकिन जमीन पर कैसे उतारेगी इस बात का सरकार उल्लेख नहीं कर रही है. इसीलिए यह बजट पूरी तरह ढोल में पोल है. तेजस्वी ने कहा कि बजट में बंद पड़ी चीनी मिलों, जूट मिलों और पेपर मिलों का जिक्र नहीं है और न ही खाद प्रसंस्करण इकाइयों का. औद्योगिक इकाइयों की बात भी नहीं है. पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई की बात भी नदारद है.  

Web Title : CHIEF MINISTER NITISH KUMAR, WHO IS THE TARGET OF THE OPPOSITION ON THE ISSUE OF EMPLOYMENT, BRING THE BLUEPRINT OF JOB CREATION TO THE PUBLIC, STUNNING

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