नई दिल्ली : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बीमा दावों का सही समय पर भुगतान न करना अब बीमा कंपनियों को भारी पड़ेगा. सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि कोई बीमा कंपनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान के दावे का भुगतान करने में देरी करती है तो बीमा कंपनी को मुआवजे पर 12 प्रतिशत ब्याज का भी भुगतान करना होगा. केंद्र सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ´सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा दावों के निपटान में देरी होने की स्थिति में राज्यों और बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल करने का फैसला किया है.
सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार निर्धारित अंतिम तिथि के दो माह बाद दावों का निपटान करने पर या और देरी होने पर बीमा कंपनियां को किसानों को 12 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा. वहीं सरकार ने बीमा कंपनियों के लिए भी बड़ी राहत की घोषणा की है. बीमा कंपनियों की ओर से अपनी मांग प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के तीन माह बाद सब्सिडी में राज्य का हिस्सा देरी से दिए जाने पर राज्य सरकारें 12 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करेगी.
सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइंस रबी फसल के लिए अक्टूबर से लागू होंगी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को 1. 5 से 2 फीसदी तक प्रीमियम देना होता है. इस योजना के तहत 2017-18 में 4. 84 करोड़ किसान ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. इस योजना के तहत राज्य, किसान और केंद्र सरकार का प्रीमियम 2017-18 में 25,178 करोड़ रुपये जमा किया गया था. जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन ले रखा है उनको इस योजना में सीधे शामिल किया जाता है.