आरएसएस ने 70 स्तंभकारों के साथ बंद कमरे में की बेहद गोपनीय बैठक

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने संगठन से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए मंगलवार को देशभर के 70 स्तंभकारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. यह बैठक नई दिल्ली के छतरपुर में एक बंद कमरे में हुई. इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद थे.  

मंगलवार को हुई इस बैठक में देशभर से आए विभिन्न भाषाओं के 70 स्तंभकारों ने हिस्सा लिया. जानकारी के अनुसार, यह बैठक ‘बेहद गोपनीय’ थी. बता दें कि मोहन भागवत ने पिछले साल भारत में काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. इस क्रम में भारतीय स्तंभकारों के साथ हुई यह बैठक काफी अहम है. दरअसल, संगठन से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है.

मंगलवार को हुई बैठक से पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर आधारित एक पुस्तक का दिल्ली में विमोचन किया था. इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया था.

उन्होंने कहा कि गांधी जी ने इस बात को समझा था कि भारत का भाग्य बदलने के लिए पहले भारत को समझना पड़ेगा और इसके लिए वह सालभर भारत में घूमे. भागवत ने कहा कि उन्होंने स्वयं को भारत के सामान्य जनों की आशा आकांक्षाओं से, उनकी पीड़ाओं से एकरूप होकर यह सारा विचार किया और इस विचार की दृष्टि का मूल हर भारतीय था इसीलिए उनको (गांधी जी) अपने हिंदू होने की कभी लज्जा नहीं हुई.

भागवत ने कहा कि गांधी जी ने कई बार कहा था कि मैं कट्टर सनातनी हिंदू हूं और ये भी कहा कि कट्टर सनातनी हिंदू हूं, इसलिए पूजा पद्धति के भेद को मैं नहीं मानता हूं. इसलिए अपनी श्रद्धा पर पक्के रहो और दूसरों की श्रद्धा का सम्मान करो और मिलजुल कर रहो.

इससे पहले बीते रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने अहमदाबाद में एक सभा में तलाक के बढ़ते मामलों को लेकर एक बयान दिया था, जिसकी आलोचना की जा रही है. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि तलाक के ज्यादातर मामले पढ़े-लिखे और संपन्न परिवारों में ही देखने को मिल रहे हैं.

इन दिनों शिक्षा और आर्थिक संपन्नता के साथ लोगों में घमंड भी आ रहा है, जिसके कारण परिवार टूट रहे हैं. लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ने लगे हैं. इससे समाज भी बिखर रहा है, क्योंकि समाज भी एक परिवार है.

सर संघ चालक ने यह भी कहा था कि भारत में हिंदू समाज का कोई विकल्प नहीं है. भागवत ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि स्वयंसेवक अपने परिवारों को संघ में अपनी गतिविधियों के बारे में बताते होंगे, क्योंकि कई बार घर की महिलाओं को हमसे ज्यादा कष्टदायक काम करना पड़ता है, ताकि हम जो कर रहे हैं वह कर सकें.


Web Title : RSS CLOSES IN ROOM WITH 70 COLUMNISTS

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