सैटेलाइट से लिंक होगा भारतीय रेलवे, ISRO की मदद से प्रोजेक्ट होगा पूरा

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ट्रेनों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए उनके इंजन को सैटेलाइट से लिंक करेगा. इसके लिए दिसंबर 2018 की डेडलाइन रखी गई है. प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रेलवे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की मदद ले रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस टेक्नोलॉजी से ट्रेनों को ट्रैक करने और उनमें मौजूद क्रू से बात करने में आसानी होगी. साल के अंत तक सभी 10,800 इंजन में एंटीना फिक्स करने का टारगेट रखा गया है.

- जल्द ही सभी ट्रेन 22 कोच के साथ दौड़ेंगी. इसी योजना के तहत रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड कर इनकी लंबाई भी बढ़ाई जाएगी.  

- मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सभी ट्रेनों में कोच की संख्या एक जैसी होने पर इन्हें कहीं से भी चलाया जा सकेगा. इससे मेंटेनेंस के लिए इंतजार नहीं करना होगा और लोगों का सफर जल्दी पूरा हो सकेगा.

- वहीं, रेलवे अफसर के मुताबिक, योजना के पहले फेज के लिए 300 ट्रेन को चिह्नित किया गया है, जुलाई में आने वाले टाइम टेबल में इनकी संख्या और रूट तय कर दिए जाएंगे.

- पीयूष गोयल ने बताया, ´´रेलवे के अपग्रेडेशन प्लान के तहत सभी ट्रेनों में 22 कोच लगाए जाएंगे, ताकि ट्रेनों को रेल नेटवर्क के किसी भी रूट पर चलाया जा सके. ट्रेनों की लंबाई के साथ-साथ प्लेटफॉर्म्स को भी अपग्रेड किया जाएगा. इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इन्हें लंबा और जरूरी बदलाव करने पर विचार कर रहा है. ´´

- एक सीनियर रेलवे अफसर ने बताया कि मौजूदा वक्त में दो तरह (ICF और LHB) के कोच इस्तेमाल हो रहे हैं. जरूरत के मुताबिक, अलग-अलग ट्रेनों में इनकी संख्या 12, 16, 18, 22 और 26 हो सकती है.

- ऐसे में किसी ट्रेन के लेट होने की स्थिति में रेलवे इसकी जगह दूसरी ट्रेन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है और ट्रेन के मेंटेनेंस होने तक इंतजार करना पड़ता है. अगर सभी ट्रेनों में कोच की संख्या एक जैसी होने पर रेलवे किसी भी ट्रेन को कहीं से भी चला पाएगा. देरी से आई ट्रेन के मेंटेनेंस के लिए नहीं रुकना होगा.

- अफसर के मुताबिक, रेलवे ने इस योजना के तहत पहले फेज के लिए बिजी रूट्स की 300 ट्रेनों को चिह्नित किया है. जुलाई में जारी होने वाले रेलवे के नए टाइम टेबल में इनकी संख्या और रूट तय कर दिए जाएंगे. स्टैंडर्ड ट्रेन का फायदा यह होगा कि सभी रूट पर जनरल, स्लीपर और एसी कोच वाली एक जैसी ट्रेन चलेंगी.





Web Title : SATELLITE WILL BE LINKED WITH THE HELP OF INDIAN RAILWAYS, ISRO PROJECTS COMPLETED