प्रद्युम्न मामले में आरोपी कोर्ट में पेश, जज की छुट्टी के कारण भेजा गया ज्यूडिशियल कस्टडी

गुड़गांव :  गुड़गांव के प्रद्युम्न ठाकुर मर्डर केस का आरोपी स्टूडेंट 17 जनवरी तक फिर से ज्यूडिशियल कस्टडी में फरीदाबाद के बाल सुधार गृह में ही रहेगा. बुधवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी. आरोपी स्टूडेंट को आज कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन जज के छुट्टी पर होने के चलते उसे अगले 14 दिन के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी मेें भेज दिया गया. इससे पहले 21 दिसंबर की सुनवाई में तय हुआ था कि आरोपी स्टूडेंट को बालिग मानकर जुवेनाइल बोर्ड की बजाय सेशन कोर्ट में केस चलेगा.  

- जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के इस फैसले के पीछे आरोपी छात्र की सामाजिक व मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट की अहम भूमिका है. सामाजिक रिपोर्ट में सामने आया था कि स्टूडेंट काफी आक्रामक है.  

- दूसरी ओर मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्टूडेंट से बातचीत कर उसकी मनोस्थिति के बारे में बताया था कि अलग-अलग परिस्थितियों में वह किस तरह का व्यवहार करता है.  

- आरोपी छात्र की दोनों रिपोर्ट्स करीब एक महीने पहले बोर्ड के पास पहुंची थी, तब से ये सीलबंद थी. 15 दिसंबर को सुनवाई के दौरान दोनों रिपोर्ट्स सभी पक्षों की मौजूदगी में खोली गईं. इसके बाद बोर्ड के समक्ष दोनों पक्षों ने रिपोर्ट्स पर बहस भी की थी.  

- प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि छात्र की सामाजिक रिपोर्ट बनाने के लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की ओर से एक कमेटी गठित की गई थी. इस कमेटी के सदस्यों व विशेषज्ञों ने स्टूडेंट के साथ पढ़ने वाले अन्य बच्चों, उसके पड़ोस में रहने वाले लोगों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज किए थे. कमेटी ने आरोपी को पहले पढ़ा चुके और अभी पढ़ा रहे टीचरों से भी बातचीत की थी. सभी से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई. पीजीआई रोहतक के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि स्टूडेंट का व्यवहार कुछ अग्रेसिव है, लेकिन उसका आईक्यू लेवल सामान्य स्टूडेंट्स के जैसा ही है.

- प्रद्युम्न की हत्या के आरोपी स्टूडेंट पर बालिग की तरह केस चलने के फैसले से प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर को आंशिक राहत मिली है. बोर्ड के फैसले के बाद वरुण ठाकुर ने कहा कि हालांकि, स्टूडेंट पक्ष की ओर से हर संभव प्रयास किया गया कि उस पर नाबालिग की तरह ही केस चले, लेकिन बोर्ड ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुझे राहत दी है.


Web Title : PRADYUMAN MURDER CASE ACCUSED IN SENT TO JUVENILE CUSTODY