महाराष्ट्र की राजनीति में भीष्म पितामह कहलाने वाले शरद पवार को परिवार में खेमेबंदी के बीच एक नया साथी मिला है. अजित पवार के भतीजे और उनके पोते युगेंद्र पवार ने कहा है कि मैं सीनियर पवार के साथ रहूंगा. युगेंद्र पवार के इस फैसले ने शरद पवार को फैमिली के अलावा पॉलिटिक्स में भी मजबूत किया है. पहले ही उनके पोते रोहित पवार साथ हैं और उन्हें सुप्रिया सुले का भी करीबी माना जाता है. वहीं अजित पवार परिवार में अकेले ही पड़ते दिख रहे हैं. उनके साथ पत्नी और बेटे के अलावा अन्य कोई नहीं है. आइए जानते हैं, कौन हैं युगेंद्र पवार.. .
युगेंद्र पवार की बात करें तो वह अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. मुंबई और पुणे में स्कूलिंग के बाद युगेंद्र पवार ने कॉलेज की पढ़ाई यूरोप और अमेरिका से की है. पढ़ाई के बाद वह भारत लौटे तो परिवार के बिजनेस को ही संभालने लगे और फिलहाल वह शरायु ग्रुप ऑफ कंपनीज में डायरेक्टर हैं. यही नहीं बारामती कुश्ती संघ के वह अध्यक्ष भी हैं. शरद पवार की ओर से स्थापित विद्या प्रतिष्ठान में भी वह सक्रिय हैं. यह ट्रस्ट शैक्षणिक क्षेत्र में काम करता है. अब तक युगेंद्र पवार राजनीति से परे ही रहे हैं, लेकिन उनके हालिया स्टैंड ने संकेत दिया है कि वह सियासी पारी खेलने वाले हैं.
अजित पवार के भतीजे ने बुधवार को कहा कि मैं अपने चाचा के दावे का समर्थन नहीं करता. उन्होंने कहा, ´मैं मानता हूं कि परिवार और राजनीति को मिलाना नहीं चाहिए. मैं निजी तौर पर यह नहीं मानता कि अजित पवार के परिवार को अलग-थलग किया जा रहा है. पवार कुनबे के सदस्य के तौर पर हम सभी लोग साथ और एकजुट हैं. ´ दरअसल अब तक युगेंद्र पवार एनसीपी के अजित पवार खेमे में ही थे. लेकिन अब उन्होंने रुख बदल लिया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. इस संबंध में जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या युगेंद्र अपना पाला बदल रहे हैं.
युगेंद्र के राजनीति में आने पर क्या बोले शरद पवार
इस पर शरद पवार ने कहा, ´मैं नहीं जानता कि युगेंद्र पवार राजनीति में हैं. वे प्रोफेशनल हैं. उनका अपना बड़ा कारोबार है. ´ बता दें कि पिछले दिनों बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने परिवार में खुद के अकेले पड़ने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि मेरे निजी परिवार के अलावा हर कोई मेरे खिलाफ ही प्रचार करेगा. इसलिए आप लोग मुझे अकेला न छोड़ें. माना जा रहा है कि अजित पवार ने यह इमोशनल अपील इसलिए की है क्योंकि बारामती से उनकी पत्नी सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा इलेक्शन में उतरने वाली हैं.