CAB कानून बनते ही इन 31 हजार शरणार्थियों को मिल जाएगी नागरिकता

नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को अमलीजामा पहनाने के लिए पूरी तरह के कमर कस ली है. मोदी सरकार ने लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक को पास करा लिया है, जिसके बाद आज इसे राज्यसभा में पेश किया. इस विधेयक के कानूनी रूप धारण करते ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए 31,313 गैर मुस्लिम शरणार्थियों को फौरन भारत की नागरिकता मिल जाएगी, जिसके बाद उन्हें देश के रहने वाले बाकी लोगों की तरह ही सरकारी सुख-सुविधाएं उठाकर बेहतर जिंदगी गुजर कर सकेंगे.

नागरिकता संशोधन विधेयक पर देशभर में जारी बहस के बीच शरणार्थियों की संख्या को लेकर दो अलग-अलग आधिकारिक आंकड़े हैं. पहला आंकड़ा जनवरी 2019 के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का है, जिसे इंटेलिजेंस ब्यूरो के आधार पर पेश किया गया है. जबकि, दूसरा आंकड़ा मार्च 2016 का है, जिसे तत्कालीन गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में एक सवाल के जवाब में संसद में बताया था. इसमें कहा गया था कि 31 दिसंबर 2014 की स्थिति के अनुसार इन तीनों देशों से आए शरणार्थियों की संख्या 1 लाख 16 हजार 85 है. हालांकि इसमें शरणार्थियों के धर्म का कोई जिक्र नहीं किया गया था.

नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद ने 2016 में जेपीसी के पास भेजा था. इस संसदीय समिति में लोकसभा से 19 और राज्यसभा से 9 सदस्य शामिल थे. साथ ही आईबी और रॉ के प्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल किया गया था. समिति के अध्यक्ष भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल थे, जिन्होंने जेपीसी की रिपोर्ट को 7 जनवरी 2019 को संसद में पेश किया था.


जेपीसी की रिपोर्ट में आईबी की ओर से कहा गया था कि नागरिकता संशोधन विधेयक के लागू होते ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए 31,313 गैर मुस्लिम शरणार्थियों को फौरन ही भारत की नागरिकता मिल जाएगी. तीन देश से आए 31,313 शरणार्थियों में से 25,447 हिंदू हैं और दूसरे नंबर पर सिख हैं, जिनकी संख्या 5807 है. जबकि, ईसाई 55, पारसी 2 और बौद्ध की संख्या 2 है. ये ऐसे लोग हैं, जो अपने-अपने देश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना का शिकार हुए और इसी आधार पर भारत में उन्हें लॉन्ग टर्म वीजा मिला हुआ है.

वहीं, मार्च 2016 में शरणार्थियों के सवाल पर जवाब देते हुए तत्कालीन गृह मंत्रालय किरण रिजिजू ने इसका जवाब दिया था. उन्होंने बताया था कि 1 दिसंबर 2014 के स्थिति के अनुसार देश के राज्यों मं दुनिया भर से कुल 2,89,394 शरणार्थी हैं, जिनमें से 1,16,085 शरणार्थी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए थे.

ऐसे में तीन देशों के कुल 1,16,085 शरणार्थियों में जेपीसी के 31,313 गैर मुस्लिम शरणार्थी को घटाने पर साफ पता चलता है कि देश में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए 84,772 शरणार्थी मुस्लिम हैं. ऐसे में नागरिकता बिल को राज्यसभा से पास होने और कानूनी रूप धारण करने के बाद 31,313 शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी.

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध शरणार्थी देश में रह रहे बाकी लोगों की तरह उन्हें भी जमीन लेने के अधिकार से लेकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे. इसके जरिए वो अपने बच्चों को बेहतर स्कूल में शिक्षा के लिए दाखिला दिला सकेंगे. चुनावों में वोट देने से लेकर चुनाव लड़ने तक उन्हें सभी अधिकार मिल सकेंगे.

Web Title : THESE 31,000 REFUGEES WILL GET CITIZENSHIP AS CAB LAW IS ENACTED

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