कितना हाइजेनिक है आपका प्यारा घर

घर में रहनेवालों की अच्छी सेहत के लिए घर का साफ़-सुथरा व हाइजीनिक होना बेहद ज़रूरी है. घर में कुछ ऐसे जर्म्स स्पॉट्स होते हैं, जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं और इस अनदेखी की क़ीमत हमें अपनी सेहत को नुकसान पहुंचाकर चुकानी पड़ती है. तमाम इंफेक्शन्स और एलर्जी के कारण बननेवाले इन जर्म्स और बैक्टीरियाज़ को ख़त्म करें और घर के साथ-साथ घरवालों को भी हेल्दी रखें.  

हेल्दी किचन 

जर्म्स हॉट स्पॉट

– किचन सिंक और नलश

– किचन का कपड़ा और बर्तन धोने का स्पॉन्ज

– किचन काउंटर और कटिंग बोर्ड 

– फ्रिज के भीतर के रैक्स

– डस्टबिन

– किचन के सिंक में रोज़ाना एक बार गरम पानी डालें, ताकि सिंक में काई ना लगे और न ही पाइप में कचरा फंसे. साथ ही सिंक में रातभर जूठे बर्तन न रखें.

– बहुत-से लोग बर्तन धोने के बाद गीला स्पॉन्ज उसी तरह रख देते हैं, जिससे उनमें बैक्टीरिया पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. हर बार बर्तन धोने के बाद स्पॉन्ज को अच्छी तरह धोकर व पानी निचोड़कर रखें. रात को उसे ऐसी जगह रखें, जिससे वो सूख जाए.  

– किचन काउंटर को रोज़ाना साबुन-पानी से धोने के बाद 1 टीस्पून क्लोरीन ब्लीच डालकर साफ़ करें.

– र्तन रखने की ट्रॉली या बर्तन रखने की जगह का भी साफ़-सुथरा व हाइजीनिक रहना बहुत ज़रूरी है, वरना भले ही आपने बर्तन कितनी ही अच्छी तरह क्यों न धोए हों, वहां पहुंचते ही वो संक्रमित हो सकते हैं.  

– वेज और नॉन वेज के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड और चाकू का इस्तेमाल करें. साथ ही हर रोज़ इन्हें अच्छी तरह साफ़ करें.

– किचन काउंटर पर कहीं भी कुछ भी खाने की चीज़ गिरे, तो उसे तुरंत साफ़ करें, वरना चींटी, मक्खी और कॉकरोच आ सकते हैं.

– किचन में इस्तेमाल होनेवाले कपड़े को भी हमेशा साफ़ व सूखा रखें.    

– गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर फ्रिज को साफ़ करें. ऐसा हर हफ़्ते करें, ताकि फ्रिज में रखी चीज़ें भी सुरक्षित रहें.  

– किचन में कभी भी डस्टबिन खुला न छोड़ें. उसे हमेशा ढंककर रखें. साथ ही हर हफ़्ते डस्टबिन को साफ़ करें और धूप में सुखाएं. डस्टबिन में हमेशा डस्टबिन बैग डालकर रखें.

– हर छह महीने पर किचन में पेस्ट कंट्रोल कराएं.

– किचन में अच्छी ख़ुशबू के लिए विनेगर या फिर लेमन एक्सट्रैक्ट छिड़कें.  

हेल्दी बाथरूम/टॉयलेट

जर्म्स हॉट स्पॉट

– टॉयलेट सीट, फ्लश हैंडल

– सिंक, शावर, नल

-गीले कोने

– बाथरूम और टॉयलेट दोनों ही ऐसी जगहें हैं, जो गीली रहती हैं, जिसके कारण बैक्टीरिया और जर्म्स के पनपने के लिए परफेक्ट जगह हैं, इसलिए जितना हो सके, इन्हें सूखा रखने की कोशिश करें.

– बाल्टी या टब में पानी भरकर न रखें, बल्कि इस्तेमाल के बाद बाल्टी को उल्टी करके रख दें, ताकि बाल्टी भी सूख जाए और वो जगह भी.

– बाथरूम में एक्ज़ॉस्ट फैन ज़रूर लगवाएं, ताकि सारा मॉइश्‍चर बाहर निकल जाए.

– हफ़्ते में एक बार बाथरूम का फ्लोर और टाइल्स किसी एंटी-बैक्टीरियल क्लीनर से साफ़ करें.

– बाथरूम साफ़ करने का बेस्ट टाइम गरम पानी से नहाने या फिर शावर लेने के बाद होता है, क्योंकि उस समय पूरे बाथरूम में मॉइश्‍चर रहता है, जिससे सफ़ाई करने में मदद मिल जाती है.

– नेचुरल एंटी-बैक्टीरियल सोल्यूशन बनाएं- 2 कप पानी में 1/4 कप लिक्विड सोप और 1 टेबलस्पून नीलगिरी का तेल मिलाकर स्प्रे बॉटल में भरकर रखें. सफ़ाई के लिए इस स्प्रे का इस्तेमाल करें.

– बाथरूम और टॉयलेट की सफ़ाई गरम पानी से करें, ताकि जर्म्स ख़त्म हो जाएं.

– हमेशा टॉयलेट सीट को ढंककर ही फ्लश करें, ताकि पानी के छींटें चारों तरफ़ न फैलें. –

– हफ़्ते में एक बार ब्लीच को पानी में घोलकर भी आप टॉयलेट या बाथरूम साफ़ कर सकते हैं.

– बाथरूम-टॉयलेट में ऊपर की तरफ़ क्लोज़ काउंटर्स बनवाएं, ताकि आपका सामान बैक्टीरिया और मॉइश्‍चर फ्री रहे.

– फ्लश टैंक, नलों और दरवाज़े के हैंडल को अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं, जिससे बहुत-से बैक्टीरिया हमारे हाथों में चिपककर घर के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाते हैं, जो इंफेक्शन फैलाने के लिए काफ़ी हैं.

– टॉयलेट और बाथरूम के बाहर एंटी-बैक्टीरियल हैंड सोप हमेशा रखें.

– टॉयलेट और बाथरूम में बहुत ज़्यादा हार्श केमिकल्स के इस्तेमाल से बचें.

हेल्दी लिविंग रूम और बेडरूम

जर्म्स हॉट स्पॉट

– टीवी रिमोट कंट्रोल

–  स्विच बोर्ड

– टेलीफोन हैंडल

 ज़्यादातर लोग टीवी रिमोट कंट्रोल, स्विच बोर्ड और टेलीफोन हैंडल के धूल-मिट्टी और जर्म्स को अनदेखा करते हैं, जो लगातार संपर्क में रहने की वजह से इंफेक्शन का कारण बनते हैं.

– बेडरूम और लिविंग रूम के परदे बेडशीट्स, तकिए के कवर्स के साथ-साथ सोफे के कवर्स भी महीने में एक बार ज़रूर साफ़ करें.

– गीले कार्पेट और रग्स में डस्ट माइट्स और जर्म्स हो सकते हैं, इसलिए समय-समय पर इन्हें निकालकर धूप में सुखाएं, ताकि फंगस भी न लगे.

– घर में सूरज की रोशनी आने से बैक्टीरिया या जर्म्स नहीं होते, इसलिए सुबह-शाम घर की खिड़कियां व दरवाज़े खुले रखें.

– घर हेल्दी बना रहे, इसलिए सबसे ज़रूरी है, सही वेंटिलेशन की सुविधा. घर में जितना ज़्यादा ताज़ी हवा का आवागमन होगा, घर के लोग उतने ही हेल्दी व स्वस्थ रहेंगे.

– शू रैक भी ऐसी ही एक जगह है, जहां जूते-चप्पल के ज़रिए जर्म्स और बैक्टीरिया घर में दाख़िल होते हैं, इसलिए जूते-चप्पलों के साथ-साथ शू रैक को भी हर 10-15 दिन में एक बार क्लीन ज़रूर करें और उसमें फिनायल की गोलियां डालें, ताकि कॉकरोच उसे अपना घर न बना सकें.

 अगर घर में हों छोटे बच्चे तो…

बच्चों को ज़मीन पर खेलना कितना पसंद है, यह तो हर कोई जानता है, पर क्या यह जानती हैं कि आपकी ज़मीन कितना हाइजीनिक है? नहीं, तो इन बातों का ध्यान रखें-

– रोज़ाना एंटी-बैक्टीरियल क्लीनिंग प्रोडक्ट्स से घर का फर्श साफ़ करें.

– सुबह-शाम घर में झाड़ू लगाएं और जहां बच्चे खेलते हैं, उसे हमेशा जर्म फ्री रखें.

– बच्चे अक्सर खेलते हुए कोई भी सामान उठाकर मुंह में डाल लेते हैं, इसलिए उनकी पहुंच तक की सभी चीज़ों को ख़ासतौर से हाइजीनिक रखें.

– बच्चों के खेलने के लिए देने से पहले खिलौनों और खिलौनों की टोकरी को एंटी-बैक्टीरियल लिक्विड से साफ़ करें.

– आजकल के बच्चों के आकर्षण का केंद्र मोबाइल फोन होते हैं. छोटे बच्चों को मोबाइल फोन देने से पहले किसी साफ़ कपड़े से उसे साफ़ कर दें, क्योंकि बच्चे फोन को तुरंत मुंह में डालते हैं.

– बाथरूम में बाल्टी में पानी भरकर न रखें और न ही भीगे डोरमैट्स रखें, वरना बच्चों के फिसलकर गिरने का डर बना रहता है

Web Title : HOW MUCH HYGIENIC IS YOUR SWEET HOME