अयोध्या में सोमवार को श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन रिम्स और सदर सहित विभिन्न निजी अस्पतालों में करीब 80 बच्चों ने जन्म लिया. बच्चों के मुकाबले बच्चियों की संख्या अधिक रही. सबसे अधिक 28 बच्चे सदर अस्पताल में जन्म लिए. वहीं, रिम्स में 20 बच्चों ने जन्म लिया है. जानकारी के अनुसार, सेंटेविटा में छह, हील व्यू में चार और मातृ जीवन में चार सहित अन्य अस्पतालों में आम दिनों के मुकाबले अधिक संख्या में बच्चों ने जन्म लिया.
रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि अन्य दिनों के मुकाबले अधिक संख्या में बच्चों ने जन्म लिया है. हर दिन सदर अस्पताल में 18 के करीब बच्चों का जन्म होता है. वहीं, राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के रिकॉर्ड के अनुसार, हर दिन औसतन 12 से 15 बच्चे ही जन्म लेते हैं. महिला एवं स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञों ने बताया कि सिजेरियन अन्य दिनों के मुकाबले सोमवार को अधिक हुआ.
राम नाम से जुड़ा रखा जाएगा बच्चों का नाम
श्रीराम उत्सव के इस खास दिन में जन्म लेने वाले बच्चों के माता-पिता ने बताया कि वे अपने बच्चों के नाम राम से मिलते-जुलते रखना पसंद करेंगे. वहीं, बच्चियों के नाम में भी राम से मिलते-जुलते नाम का जिक्र वे करेंगे. उनका कहना था कि राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हमारे घरों में भी लल्ला आए हैं. ऐसे में इस बेहद सुखद संयोग को उनके साथ जीवनभर रखने की योजना है.
अधिकतर सिजेरियन पहले से प्लान किए गए थे
स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ कुमकुम विद्यार्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को अधिकतर सिजेरियन पहले से ही प्लान किए गए थे. बहुत कम ही सिजेरियन इमरजेंसी कंडीशन में किए गए हैं. डॉ कुमकुम ने बताया कि उनके अंदर एक भी इमरजेंसी ऑपरेशन नहीं किए गए हैं. जितने भी किए गए सभी प्लानिंग के तहत ही थे, पर प्लानिंग किस वजह से थी, वो बता पाना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि उन गर्भवती महिलाओं का ही ऑपरेशन किया गया, जिसके टर्म पूरे हो गए थे और किसी तरह का कोई खतरा नहीं था.