बीजेपी नेताओं के खिलाफ ACB जांच हेमंत सरकार की बौखलाहट का नतीजा: रघुवर दास

झारखंड: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने दावा किया कि उनकी सरकार में पांच साल के दौरान कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ. जनता को उन्होंने बेदाग प्रशासन दिया था. हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बौखलाहट में आकर उनकी सरकार में मंत्री रहे पांच भाजपा नेताओं के खिलाफ एसीबी जांच का आदेश दिया है. उन्होंने ये बातें पटमदा के बांगुड़दा में मंगलवार को आयोजित जनजातीय गौरव दिवस पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं.

पूर्व सीएम ने कहा कि 2019 में जिस तरह से हेमंत सोरेन ने लोगों से बड़े-बड़े वादे करके और लोक लुभावन नारे देकर जनादेश हासिल किया, उसी प्रकार एक बार फिर 1932 का खतियान और पिछड़ों को आरक्षण के मुद्दे पर गुमराह कर रहे हैं. तीन माह के अंदर खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने का चुनावी वादे करने वाले हेमंत सोरेन को जब विधायकों ने 22 मार्च को सदन में याद दिलाया तो 23 मार्च को उन्होंने कहा कि खतियान के आधार पर स्थानीयता को परिभाषित नहीं किया जा सकता है. अब जब एक हजार करोड़ के अवैध खनन के आरोप में उनके विधायक प्रतिनिधि व सिंडिकेट से जुड़े लोग जेल गए और उन्हें भी ईडी का समन मिला, तो आनन-फानन में बिना किसी तैयारी के स्थानीयता और पिछड़ों को आरक्षण का मुद्दा लेकर आ गए.

रघुवर दास ने कहा कि पांच साल विपक्ष में रहकर हेमंत सोरेन ने एक भी मुद्दा नहीं उठाया. अब जब उन्हें जेल जाने का भय सताने लगा है तो बौखलाहट में पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच का आदेश दे रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जांच में कुछ भी नहीं मिलने वाला है. 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता के सवाल पर कहा कि सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास नहीं किया और बिना किसी तैयारी के ही 9वीं अनुसूची में शामिल करने की बात कह रहे हैं.

अगर इस सरकार को आदिवासियों-मूलवासियों की चिंता रहती तो अधिसूचना जारी कर ही लागू कर देती. पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण की बात करने वाली हेमंत सरकार बिना सर्वे ही इस प्रस्ताव को पास कर दिया, जो लागू होना संभव नहीं है.

Web Title : ACB PROBE AGAINST BJP LEADERS A RESULT OF HEMANT GOVTS FRUSTRATION: RAGHUBAR DAS

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