झारखंड में मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना में अबतक 45 लाख 45 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें अब तक 13 लाख 94 हजार से ज्यादा सत्यापित लाभुकों को 478 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं. राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 438 नोडल लैंप्स-पैक्स को 8. 8 लाख रुपए की कार्यशील पूंजी प्रदान की गई है. यह जानकारी कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने दी है. कृषि सचिव बुधवार को सूचना भवन में कृषि विभाग की चार वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दे रहे थे.
उन्होंने बताया कि झारखंड पूरे देश में पहला ऐसा प्रदेश है, जिसने बीज वितरण में ब्लॉक चेन प्रणाली लागू की है. विभाग के इस प्रयास की पूरे विश्व में चर्चा हुई है. सुखाड़ के बावजूद इस वर्ष 1. 30 लाख क्विंटल बीज का वितरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया गया है. कृषि ऋण माफी योजना के तहत स्टैंडर्ड केसीसी में अब तक 8 लाख ऋणी किसान को शामिल किया गया है. इसमें 6. 30 लाख नए किसान जोड़े गए हैं. अबतक 4 लाख 62 हजार से ज्यादा किसानों को डीबीटी के माध्यम से 1858. 3 करोड़ रुपए का वितरण किया गया है. दूध उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूध का संग्रहण 1. 5 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2. 5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है. किसानों को तीन रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जा रहे हैं. करीब 38 हजार किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं.
10 लाख किसानों को पशुधन अनुदान
विभागीय सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना में अबतक 10 लाख से ज्यादा लाभुकों को अनुदान की राशि दी गई है. राज्य में 5454 तालाबों का जीर्णोद्धार और 8081 परकोलेशन टैंक के साथ 3513 डीप बोरिंग की गई हैं. 17320 पंपसेट का वितरण किया गया है. किसान हेल्पलाइन शुरु हुआ है.
मछली उत्पादन में राज्य लक्ष्य के करीब
सचिव ने बताया कि मछली उत्पादन में 3. 30 लाख टन के लक्ष्य के विरुद्ध 2. 95 लाख टन उत्पादन हुआ है, जबकि 2018-19 में यह उत्पादन 2 लाख टन से कम था. बंद पड़ी कोयला खदानों में केज कल्चर की शुरुआत की गई है.
राज्य के 2. 5 लाख किसान कृषि उपज व्यापार के लिए ई-नेम पोर्टल पर पंजीकृत किए जा चुके हैं और उनकी उपज को खेत से ही बेचने की सुविधा विकसित की गई है. पशुओं को घर पर ही त्वरित उपचार उपलब्घ कराने के लिए 236 वेटनरी एम्बुलेंस के संचालन के लिए जीवीके ग्रीन सर्विसेज के साथ एमओयू बहुत जल्द किया जाएगा. राज्य में 40 किसान पाठशाला संचालित की जा रही है. नई पाठशाला के संचालन के लिए संस्थाओं का चयन प्रक्रिया में है. पलामू में गौ मुक्तिधाम का शिलान्यास किया गया है. जल्द ही अन्य जिलों में काम शुरू किया जाएगा. अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिला में एफपीओ गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें कार्यशील पूंजी के लिए अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है.