राजभवन के सामने 16 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे कर्मचारी

रांची : झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के सदस्य राजभवन के नजदीक अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि झारखंड में बैठे अफसरशाही बेलगाम हो गए हैं. नीचे स्तर से लेकर सचिवालय स्तर तक के पदाधिकारियों की मनमानी चल रही है. कोई नियम-कानून और कोई सेवा शर्त लागू नहीं है. जो वह लोग मुंह से बोलते हैं वहीं आदेश नियम बन जाता है.

उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ की ओर से 2017 में 18 सौ वन रक्षकों की बहाली हुई थी. किसी भी विभाग में सेवा शर्त लागू नहीं हुआ है न ही बिहार का न ही झारखंड का. यहां तक की सेवा नियमावली भी नहीं बनाई गई. वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए कोई परीक्षा का प्रावधान नहीं है.  

उन्होंने कमियां गिनाते हुए कहा कि प्रथम वार्षिक वृद्धि स्वयं दे देना है. सेवा संपुष्टि के लिए किसी परीक्षा का प्रावधान नहीं है. लेकिन वन विभाग ने मनमानी करते हुए विभाग की ओर से सारी परीक्षाएं भी दे दी है.  

आमरण अनशन पर बैठे वन अवर कर्मी ने कहा कि हमलोग की बहाली को लगभग ढाई साल हो गए हैं, लेकिन अब तक सेवा संपुष्टि और इंक्रीमेंट नहीं मिला है. पहले 2018 में कुछ जिलों में इंक्रीमेंट दे दिया गया था. वह भी तब जब हमने आवाज उठाई थी. तब विभाग ने आनन-फानन में एक परीक्षा का आयोजन किया.  

प्रदर्शन पर बैठे लोगों ने कहा कि उनकी लोकनीति है कि किसी तरह इन लोगों को दबाया जाए. बहाली 2014 के नियमावली के अनुसार ही हुआ है लेकिन उसमें 2 वर्ष लिखा हुआ था. हम लोग का 2 वर्ष से ऊपर हो गया है उन्हें तो यह सुविधा हमें ऑटोमेटिक ही दे देनी चाहिए.

Web Title : EMPLOYEES SITTING ON DHARNA ON 16 POINT DEMAND IN FRONT OF RAJ BHAVAN

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