झारखंड में अरबों का ´जमीन घोटाला´, राजस्व कर्मी से IAS तक हुए मालामाल; ऐसे चलता था गोरखधंधा

झारखंड: रांची में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री में कोलकाता से फर्जी दस्तावेज बनाकर की गई गड़बड़ी की जांच में ईडी आगे बढ़ी तो रांची में सैकड़ों एकड़ जमीन की डील में फर्जीवाड़ा सामने आ गया. रांची में एक गिरोह सक्रिय है, जो कोलकाता जाकर रांची की जमीन का फर्जी पेपर तैयार करता है, उसकी रजिस्ट्री कोलकाता में ही करायी जाती है. इसके बाद कौड़ियों की जमीन को करोड़ों में बेचा जाता है.

जमीन घोटाला कर की अरबों की कमाई

इस पूरे फर्जीवाड़े में आला अधिकारियों के साथ-साथ अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है. वहीं ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन घोटाला कर सरकारी अफसरों, कर्मियों के साथ-साथ माफियाओं ने अरबों की कमाई की.

मामूली राजस्व कर्मचारी का आलीशान बंगला

ईडी ने रांची में वर्षों से जमे राजस्व कर्मचारी अशोक सिंह के सिंहमोड़ स्थित आवास में छापेमारी की. ईडी की टीम जब यहां पहुंची तो अधिकारी एक मामूली राजस्व कर्मचारी के आलिशान अपार्टमेंटनुमा मकान देखकर दंग रह गए. ईडी के अधिकारियों को अशोक सिंह की अलग-अलग संपत्तियों समेत बेनामी संपत्ति से जुड़े कागजात मिले हैं. वहीं अवैध कमाई की अचल संपत्तियों में निवेश के सुराग भी ईडी को मिले हैं.

अशोक सिंह के संपत्ति की जानकारी ईडी ने मांगी

अशोक सिंह के नामकुम, ओरमांझी समेत रांची के अन्य अंचलों में जमे होने व उस दौरान अकूत संपत्ति अर्जित करने की जानकारी ईडी को मिली थी. अशोक सिंह व उसके परिवार के आश्रितों की पूरी संपत्ति की जानकारी ईडी ने मांगी है. ईडी ने अशोक सिंह के रिश्तेदार दीपक कुमार के बोस्कोनगर स्थित फ्लैट में भी छापेमारी की. ईडी अधिकारियों को अंदेशा है कि यह फ्लैट भी अशोक सिंह का ही है, लेकिन उन्होंने इसकी खरीद अपने रिश्तेदार के नाम पर की.

आईएएस छवि रंजन तक कैसे पहुंची ईडी

रांची के पूर्व डीसी व आईएएस अधिकारी छवि रंजन सेना जमीन खरीद में हुई गड़बड़ी के बाद से ही ईडी के रडार पर हैं. ईडी ने सेना के कब्जे वाली 4. 55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में गड़बड़ी की जांच बरियातू थाने में दर्ज केस के आधार पर शुरू की थी. निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर प्रदीप बागची पर फर्जी आधार कार्ड, पोजेशन लेटर देकर होल्डिंग के आवेदन देने का आरोप लगा केस कराया था.

इसके बाद ईडी ने मामले में केस दर्ज किया था. प्रदीप बागची ने जमीन की रजिस्ट्री जगत बंधु टी स्टेट के नाम पर कर दिया था. वहीं ईडी ने डिप्टी रजिस्ट्रार घासीरामी पिंगुआ के यहां इस मामले में छापेमारी की और उससे पूछताछ की थी. तब डिप्टी रजिस्टार ने बताया था कि उसने तत्कालीन डीसी छवि रंजन के कहने पर जमीन की रजिस्ट्री की थी. वहीं रांची में कई सौ एकड़ जमीन की खरीद में छवि रंजन के पद पर रहने के दौरान ही गड़बड़ी हुई.


Web Title : MULTI BILLION LAND SCAM IN JHARKHAND, REVENUE WORKERS TO IAS OFFICERS THIS IS HOW THE BUSINESS USED TO GO ON

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