राज्य के शहरी क्षेत्रों में सुगम यातायात की राह में अवरोध को दूर करने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है. फ्लाइओवर, ओवरब्रिज, फोरलेन, एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के साथ नए बाइपास पर भी फोकस किया जा रहा है. शहर से बाहर जाने वाले वाहनों के लिए राज्यभर के आठ जिलों में बाइपास बनाने की प्रक्रिया के बीच नौ नए बाइपास को लेकर भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है.
इसके साथ ही वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से देवघर, गोड्डा, लातेहार, डालटनगंज, गढ़वा सहित 16 (सोलह) बाइपास सड़क का निर्माण किया जा रहा है. राष्ट्रीय उच्च पथ उपभाग द्वारा चाईबासा, गुमला, लोहरदगा, चतरा, सिमरिया व गिरिडीह में बाइपास का कार्य प्रगति पर है. पथ निर्माण विभाग द्वारा एनएच- 33 के वैकल्पिक उन्नत मार्ग के रूप में कान्दरबेड़ा से दोमुहानी पथ का फोरलेन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसकी लंबाई 7. 996 किलेामीटर है. इसे 101 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा.
हजारीबाग, डालटनगंज जमशेदपुर में फ्लाइओवर
पथ निर्माण विभाग पहले से ही जमशेदपुर अंतर्गत मानगो फ्लाइओवर का निर्माण किया जाएगा. वर्तमान में एनएच- 33 से जमशेदपुर शहर आवागमन के लिए स्वर्णरेखा नदी पर बना पुल सुगम यातायात के लिए अवरोध का काम कर रहा है. यही कारण है कि शहर के लिए आवगमन एक कठिन समस्या बनी हुई है. इसके समाधान के लिए मानगो फ्लाइओवर को स्वीकृति प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त हजारीबाग, डालटनगंज और जमशेदपुर में फ्लाइओवर निर्माण की परियोजना पर विचार किया जा रहा है.
राष्ट्रीय उच्च पथ कार्ययोजना तैयार कर रहा
पथ निर्माण विभाग में जिन नए बाइपास को लेकर कवायद की जा रही है, उनमें महत्त्वपूर्ण शहर बेड़ो, भंडरा, कर्रा, दुमका, बरहरवा, पाकुड़, जोरी, हंटरगंज व चक्रधरपुर शामिल हैं. इन बाइपासों के लिए राज्य सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय उच्च पथ कार्ययोजना तैयार कर रहा है. शहरी ट्रैफिक की भीड़ को कम करने के बाद बाइपास मार्ग उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा, ´सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के शहरों में ट्रैफिक के बॉटलनेक को खत्म करने के लिए बाइपास और रिंग रोड की कार्य योजना पर काम हो रहा है. राज्य में सड़कों का घनत्व बढ़ रहा है. ´