झारखंड की दो लड़कियां, जिन्हें कभी स्टेडियम में खेलने नहीं दिया गया, अब अमेरिका देगा ट्रेनिंग

रांची : झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र खूंटी की दो बेटियों ने हॉकी खेलने का सपना देखा था और इस खेल के लिए उन्होंने अपनी जी जान लगा दी. हेसल गांव की पूंडी सारु और माहिल गांव की जूही कुमारी ने आखिरकार अपने सपने को अपनी मेहनत से पूरा किया है.

पूंडी और सारु को खिलाड़ियों को अमेरिका से बुलावा आया है. अमेरिका की एक संस्था की तरफ से दोनों हॉकी खिलाड़ियों को वहां ट्रेनिंग दी जाएगी. दोनों ही 12 अप्रैल को रांची से अमेरिका जाएंगी.

दरअसल, रांची, खूंटी, लोहरदगा, गुमला और सिमडेगा की 107 बच्चियों को हॉकी कम लीडरशिप कैम्प रांची में एक प्रशिक्षण दिया गया. यह ट्रेनिंग यूएस कंसोलेट कलकत्ता द्वारा आयोजित था. सात दिनों के कैम्प में पांच बच्चियों का अमेरिका जाने के लिए चयन हुआ जिसमें खुंटी के पुण्डी सारु और माहिल गांव निवासी जुही कुमारी का नाम शामिल है.

 अमेरिका के Middlebury College, Vermont में उन्हें हॉकी का प्रशिक्षण दिया जाएगा. दोनों ने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष किया था. खूंटी की हरियाली एस्ट्रॉटफ स्टेडियम में इन्हें खेलने से मना कर दिया. लेकिन दोनों के ऊपर ऐसा जूनून था कि निकाली गई सभी हॉकी प्लेयर बच्चियों ने अपनी एक नई टीम बनाई. और बिरसा कॉलेज की ग्राउंड में हॉकी खेल का अभ्यास करना शुरु कर दिया.

सभी बच्चियां अपने गांव से बिरसा ग्राउंड प्रैक्टिस करने आती थी. दोनों ने बताया कि पहले वो भी एस्ट्रॉटफ मैदान में खेलने आती थी लेकिन उन्हें उम्र अधिक हो गई है कहकर मना कर दिया. लेकिन अब उनके टैलेंट को अमेरिका ने पहचाना है और उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी.

दोनों के परिवार में इस बात खुशी की लहर है. लोगों को उम्मीद है कि शायद इसके बाद उनके परिवार की गरीबी दूर हो जाएगा. घोर अभाव के बाद इस मुकाम पर पहुंची बच्चियों की हर कोई तारीफ कर रहा है.

Web Title : TWO GIRLS FROM JHARKHAND, WHO WERE NEVER ALLOWED TO PLAY IN THE STADIUM, WILL NOW BE TRAINED BY THE US

Post Tags: