चुनावों में काले धन के प्रयोग पर लगाम लगाते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड : अरुण जेटली

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इलेक्टोरल बॉन्ड का बचाव करते हुए कहा कि इनका मकसद चुनावों के वित्तपोषण में काले धन के प्रयोग पर रोक लगाना है जैसा कि संप्रग-2 के शासनकाल के दौरान इलेक्टोरल ट्रस्ट बनाने के प्रस्ताव के जरिए करने की कोशिश की गई थी. जेटली ने ´द चॉयस ऑफ पॉलिटिकल फंडिंग -चेक, इलेक्टोरल बॉन्ड और ब्लैकमनी फ्रॉम कॉन्ट्रैक्टर एंड मिडलमैन´ शीर्षक से लिखे अपने 

ब्लॉग में चुनावों में काले धन की समस्या का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग एवं राजस्व अधिकारियों की तरफ से की गई पहल के परिणामस्वरूप 1,500 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.

जेटली ने कहा, अचंभा इस बात का है कि बॉन्ड पर हमले किए जा रहे हैं और इलेक्टोरल ट्रस्ट पर नहीं क्योंकि बॉन्ड राजग सरकार लेकर आई है जबकि ट्रस्ट का प्रस्ताव संप्रग लेकर आई थी. दोनों के पीछे मकसद एक ही है. उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं होने पर दानकर्ताओं के पास नकद देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बच जाएगा.

जेटली ने कहा, चुनाव आयोग एवं आयकर विभाग की हालिया छापेमारी दिखाती है कि यह करदाताओं/सरकार का पैसा है जो पीडब्ल्यूडी एवं सरकार के अन्य विभागों के माध्यम से वसूला जा रहा है और घूम फिरकर फिर राजनीति में आ रहा है. क्या यह बेहतर विकल्प है या पूरी तरह सफेद धन की सुधरी हुई प्रणाली, भले ही पूर्ण पारदर्शिता न हो? एनजीओ एवं टिप्पणीकारों को दूरदर्शिता अपनानी चाहिए.  

Web Title : ELECTORAL BONDS AIMED AT CHECKING USE OF BLACK MONEY IN ELECTIONS ARUN JAITLEY

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