40 हजार रूपये बच्चे की फीस जमा करने गरीब महिला पर निजी स्कूल बना रहा दबाव, पैसा लेकर भाग गई कंपनी, जनसुनवाई में लगा समस्याओं का अंबार

बालाघाट. प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की कड़ी में आज 11 जनवरी को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. इसमें संयुक्त कलेक्टर सीताराम प्रधान, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण श्रीमती अंजना जैतवार, जिला श्रम पदाधिकारी सुश्री दामिनी सिंह, महिला सशक्तिकरण अधिकारी सुश्री वंदना धूमकेती एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने अपनी समस्यायें लेकर आये आवेदकों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को उनका शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये. जनसुनवाई में कुल 60 आवेदक अपनी समस्यायें एवं शिकायतें लेकर आये थे.

जनसुनवाई में वार्ड नंबर-30 बालाघाट की सुनीता बोरीकर शिकायत लेकर आई थी कि वह बहुत गरीब है और खाना बनाने का काम करती है. उसके दो बच्चे आयुष एवं माही शारदा ज्ञानपीठ बालाघाट में पढ़ते है. आयुष की चौथी कक्षा के पूरे पैसे जमा करने के बाद भी उसे स्कूल से अंकसूची नहीं मिली है और स्कूल से उसे 40 हजार रुपये लाने कहा जा रहा है. अतः उसके बच्चों की फीस माफ कराई जाये और उसके दोनों बच्चों का नाम दूसरे स्कूल में दर्ज कराया जाये. किरनापुर तहसील के ग्राम खारा का रामदयाल आमाडारे शिकायत लेकर आया था कि उसने सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव लिमिटेड बालाघाट में पिछले तीन वर्षों से राशि जमा की है. लेकिन अब कंपनी धोखा देकर कहीं चली गई है. उसने अपनी पुत्री के विवाह के लिए राशि जमा की थी. लेकिन अब कंपनी नहीं मिल रही है. उसके पुत्री का 05 फरवरी 2022 को विवाह होना है. अतरू उसे जमा राशि दिलायी जाये और उस कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही की जाये.

ग्राम हिर्री की 78 वर्षीय प्रेमा तिवारी अपनी रूकी हुई पेंशन दिलाने की मांग लेकर आयी थी. उनके पति कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ थे और वे 1993-94 में सेवानिवृत्त हो गये थे. उनकी मृत्यु 16 अप्रैल 2021 को हो गई है. पति की मृत्यु के बाद पति की 01 अप्रैल से 25 अप्रैल 2021 तक की पेंशन एवं उसकी स्वयं की पेंशन कोषालय में दस्तावेज जमा कराने के बाद भी आज तक रूकी हुई है. प्रेमा तिवारी का कहना है कि वह लकवा की बीमारी से ग्रसित है और पेंशन नहीं मिलने से उसे आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

वार्ड नंबर-04, कन्हारटोला भवानी नगर बालाघाट की माया बाहेश्वर शिकायत लेकर आयी थी कि वह अपने परिवार की सबसे बड़ी बहु है. उसके पति की 02 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है. पति की मृत्यु के बाद उसके ससुराल वाले उसे प्रातड़ित करने लगे है और उसे चार बच्चों सहित घर से निकाल दिया है. जिसके कारण उसे अपने पिता के घर पर रहना पड़ रहा है. परिवार परामर्श केन्द्र में दोनों पक्षों को समझाया गया था. लेकिन ससुराल वाले उसका भी पालन नहीं कर रहे है. ऐसी स्थिति में उसे दूसरों के घर चौका-बरतन का काम करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में उसे ससुराल में रहने के लिए मदद दी जाये.

जनसुनवाई में वारासिवनी विकासखंड के ग्राम कोसरीटोला के ग्रामीण उनके गांव को मुरझड़ पंचायत से अलग कर नई ग्राम पंचायत बनाने की मांग लेकर आये थे. ग्राम एकोड़ी का विजय पटले उसे पुत्री के विवाह के लिए सहायता राशि दिलाने की मांग लेकर आया था. उसका कहना था कि वह श्रम कार्ड धारक है और शासन के नियमों के अनुसार उसे पुत्री के विवाह के लिए सहायता राशि मिलना चाहिए. लेकिन सभी दस्तावेज जमा कराने के बाद भी जनपद पंचायत द्वारा उसे विवाह सहायता राशि नहीं दी जा रही है. वार्ड नंबर-1 भटेरा चौकी बालाघाट की रंजना बैस पति की कोरोना से मृत्यु होने के कारण राहत राशि दिलाने की मांग लेकर आयी थी.

ग्राम भटेरा की मंजू मातरे पति की मृत्यु होने के बाद उसे संबल योजना के अंतर्गत सहायता दिलाने की मांग लेकर आयी थी. मंजू का कहना था कि उसके पति संतोष मातरे के नाम संबल कार्ड बना है. उसके पति की 09 नवंबर 2020 को मृत्यु हो गई है. जनपद पंचायत में संबल योजना की सहायता के लिए 06 माह‍ पूर्व आवेदन करने के बाद भी अब तक उसे मदद नहीं मिली है. ग्राम भटेरा की ही शारदा बाई मड़ाये भी ऐसी ही शिकायत लेकर आयी थी. शारदा के पति की मृत्यु 26 जनवरी 2021 को हो गई है और वह संबल योजना का कार्ड धारक था. ग्राम भटेरा का प्रमेन्द्र लिल्हारे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिलने की शिकायत लेकर आया था.


Web Title : 40,000 RUPEES CHILD FEE DEPOSITED, POOR WOMAN UNDER PRESSURE TO BUILD PRIVATE SCHOOL, COMPANY RUNS AWAY WITH MONEY, PUBLIC HEARING SWELLS