2009 में विस्थापित बैगा, आदिवासी को अब तक नहीं मिला मुआवजा, राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा संगठन ने लगाया आरोप, लड़ी जायेगी हक की लड़ाई-अंकुश

बालाघाट. राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा सामाजिक संगठन की बैहर के गोंडवाना भवन में जिला अध्यक्ष अंकुश चौहान की उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई. बैठक में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के वन ग्रामों का सन 2009 से फरवरी 2017 तक प्रशासन द्वारा विस्थापन किये आदिवासियों की स्थिति पर चर्चा की गई. जिसमें पाया गया कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान द्वारा विस्थापित किए गए 10 वन ग्रामो के विस्थापन से प्रभावित ग्राम जामी, रोल, लिंगा,सुकड़ी, रनवाही, बिठली, अजानपुर, झोलर, बेंदा के लगभग 250 परिवारों को प्रशासन के अनुसार प्रति व्यक्ति अब तक 10 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिल पाया है. वर्तमान में विस्थापित वन ग्रामों के निवासरत गोंड, बैगा जनजाति के 250 ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना पड़ रहा है.

राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा सामाजिक संगठन जिला अध्यक्ष अंकुश चौहान ने बताया कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के वन ग्रामों का सन 2009 से फरवरी 2017 तक 10 वन ग्रामों का विस्थापन किया गया था. वन ग्राम विस्थापन से प्रभावित लगभग 250 परिवारों को अब तक मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई है. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के विस्थापित हुए वन ग्रामों में रहने वाले लोगों का सर्वे भी प्रशासन के लोगों द्वारा किया गया था. जिसमें कुछ नाम सर्वे सूची में छूट गये थे. वे ऐसे लोग थे, जो रोजी, रोटी के लिए पलायन कर दूसरे स्थान पर चले गए थे. जब उन्हें पता चला कि उनका गांव विस्थापित किया जा रहा है तो वह वापस आए, ऐसे अनेक लोगों का नाम सर्वे सूची में छूट गया था. सर्वे सूची में जोड़ने के लिए संशोधित सूची केवल कुछ परिवारों का नाम जोड़कर खानापूर्ति की गई है. अब सवाल यह है कि आखिरकार विस्थापित आदिवासी बैगा परिवारों को मुआवजा देने से क्यों कतरा रहा प्रशासन? 

राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा सामाजिक संगठन के बैनर तले बैठक में आदिवासी बैगा समुदाय के लोगों  द्वारा कहा गया है कि अगर हमें अति शीघ्र प्रशासन के द्वारा विस्थापित राशि 10 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव का हम विस्थापित ग्राम के ग्रामीण बहिष्कार करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी. आदिवासी एवं बैगा समुदाय के लोगांे का कहना है कि कई बार उच्च स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापन, आवेदन के माध्यम से सूचित भी किया गया, परंतु उच्चस्तरीय अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया.

आदिवासी चंद्रसिंह धुर्वे ने कहा कि 10 वन ग्राम को विस्थापित किए जाने के बाद 10 लाख का मुआवजा हमें आज तक प्रशासन के द्वारा प्रदान नहीं किया गया. अगर विधानसभा चुनाव के पहले प्रशासन हमें विस्थापित राशि प्रदान नहीं करता तो हम विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. बैगा महिला कलारिन बाई की मानें तो लगभग 13 वर्ष हो चुके हैं हमें विस्थापन राशि प्राप्त नहीं हुई है शासन के लोगों के पास जाते हैं तो हमें डरा धमका कर भगा दिया जाता है. वनग्राम सुकड़ी की महिला लक्ष्मीबाई ने बताया कि जब से हम विस्थापित हुए है, आज तक हमें विस्थापन राशि नहीं मिली है.   

अध्यक्ष चौहान ने कहा कि लगभग 15 वर्ष पूर्व 2009 से 2017 तक बैहर विधानसभा के 10 वन ग्राम जो कि प्रशासन के द्वारा विस्थापित किए गए थे. जिनमें अनुमानित 250 आदिवासी,बैगा लोगों को अब तक शासन प्रशासन के द्वारा मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई है. राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा विस्थापित ग्रामीणों के हक अधिकार का हनन नहीं होने देगा और उनकी हर संभव मदद करेगा. जरूरत पड़ी तो उनके हक और अधिकार के लिए सड़क पर लड़ाई भी लड़ी जायेगी.


Web Title : BAIGA, TRIBALS DISPLACED IN 2009 HAVE NOT YET RECEIVED COMPENSATION, RASHTRIYA KRANTI MORCHA ORGANIZATION ALLEGES THAT THE FIGHT FOR RIGHTS WILL BE FOUGHT