भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना, बहनों ने भाईयों की कलाई में बांधी डोर

बालाघाट. ‘भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना’, ‘बहना ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है’, या फिर ‘फूलों का तारों का सबका कहना है’, ये कुछ ऐसे गाने हैं जिनकी मिठास, रक्षाबंधन के त्यौहार की भावनाओं को प्रदर्शित करती है.

11 अगस्त को भाई-बहन के पवित्र बंधन, स्नेह और प्रेम के प्रतिक, रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया. बहनों ने भाईयों की आरती उताकर, उसके अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना के साथ कलाई पर प्रेम और स्नेह की डोर बांधी तो भाई ने भी बहन की रक्षा का वचन देते हुए उपहार में उसे भेंट प्रदान की.

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन पर्व पर 11 अगस्त को बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधी हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना की.

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और प्यार के प्रतीक, रक्षाबंधन पर्व पर बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए आरती उतारी और भगवान से उनके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना की. वहीं भाई ने भी प्रेम रूपी धागा बंधवाकर उम्रभर बहन की रक्षा का संकल्प लिया और उसे उपहार दिया.

ऐसा कहा जाता है कि राखी का धागा हमारे भीतर आत्मविश्वास भरने के साथ-साथ रक्षा के संकल्पों को याद भी दिलाता रहता है. हमारी पर्व-संस्कृति में रक्षा-बंधन के पर्व पर बहन द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा है. इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार दो दिन मनाया जा रहा है. दरअसल पूर्णिमा तिथि 11 और 12 दिन होने के साथ और 11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहने के कारण इस तरह का संयोग बना है.   आज रक्षाबंधन पर भी बाजार में राखियों में दुकानों में भाईयांे की कलाई मंे सजने वाली राखियांे की खरीदी को लेकर बहनों की भीड़ रही.  

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में दिखी भीड़

रक्षाबंधन का त्यौहार माने रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर खासी भीड़ रही. बहनें भाईयों के घर जाने और भाई, बहनों से राखी बंधवाने जाने, आतुर दिखाई दिये. जिसके कारण रेलवे स्टेशन पर ट्रेन और बस स्टैंड में बस का इंतजार करते भीड़ देखी गई.  


Web Title : BROTHER, FULFILLING THE BOND OF MY RAKHI, SISTERS TIED A THREAD IN THE WRIST OF BROTHERS