लांजी के गणेशी तालाब में अचानक मरने लगी मछलियां, बदबू से लोग परेशान, गर्मी और नगर परिषद की गंदगी की वजह से मर रही मछलियां-अमरलाल बनवारी

लांजी. जल ही जीवन है, ऐसा माना जाता है कि हमारा शरीर पंच महाभूतों अर्थात् पंचतत्वों से बना है जिसमें एक तत्व जल भी है. ऋग्वेद का नदी सूक्त नदियों के संरक्षण एवं संवर्धन की कामना का संदेश देते हैं. वैदिक साहित्य में जल स्रोतों, जल के महत्व, उसकी गुणवत्ता एवं संरक्षण की बात निरंतर रूप से कही गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हमारी भारतीय वैदिक संस्कृति की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश में जल-गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान गंगा दशहरा तक संचालित किया जाएगा जिसमें प्रदेश के सभी जिलों में नदी, तालाबों, कुओं, बावडियों सहित जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार एवं साफ -सफ ाई का कार्य किया जा रहा है. परंतु पूरे जिले में धर्मनगरी के नाम विख्यात लांजी में हालात इसके इतर हैं. यहां जल-गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत तो हो चुकी है परंतु सिर्फ हवा हवाई के तौर पर अधिकारी कर्मचारी गांव-गांव जाकर फ्लेक्स और बैनर लगाकर जमकर वाहवाही लूट रहे है परंतु नगर के हृदय स्थल में मौजूद गणेश तालाब की साफ-सफाई पर किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान देने की जहमत नहीं उठाई है. जिसके कारण गणेशी तालाब में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. पिछले तीन दिनों से तालाब में कई क्विंटल मछलियां मरी पड़ी हैं. लगातार मछलियों के मरने के पीछे का कारण बताते हुए मछुआ समिति के अध्यक्ष अमरलाल बनवारी ने बताया की तालाब में जमी गंदगी और तालाब की पार पर संचालित होने वाली चौपाटी, पक्के अतिक्रमण कर बने भवनों से निकलने वाले अपशिष्ट और स्वयं नगर परिषद से निकलने वाली गंदगी है जिसके कारण उन्हें लाखों रूपये का नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.

अनदेखी का शिकार तालाब

गणेशी तालाब में मरी मछलियों के कारण निकलने वाली बदबू ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया हैं. दरअसल नगर परिषद परिसर से लगा हुआ गणेशी तालाब हमेशा ही जनप्रतिनिधियों की बेरूखी और अनदेखी का शिकार हुआ है. इस तालाब का नगर परिषद की तरफ से सौंदर्यीकरण भी कराया जाता है परंतु वह सिर्फ कागजों पर, वहीं तालाब में मछुआ समिति द्वारा मछली पालन भी किया जाता है, लेकिन पिछले तीन दिनों से इस तालाब में लगातार मछलियों के मरने की शिकायत सामने आ रही है. बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां तालाब के ऊपर तैर रही है. मछलियों के मरने के विषय में जानकारी देते हुए मछुआ समिति के अध्यक्ष अमरलाल बनवारी ने बताया की मछलियों के मरने की असल वजह दो दिन पूर्व हुई बारिश है जिसके कारण तालाब में मछलियों को ऑक्सीजन की कमी होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है. श्री बनवारी ने बताया की गुरूवार को ही उन्होने करीब ढाई से तीन क्विंटल मरी मछलियां तालाब से निकाली है ताकि मछलियों के मरने का क्रम बंद हो सके.

तालाब से निकली बदबू से लोगों का जीना मुहाल

गणेशी तालाब में मरी मछलियां एवं पसरी गंदगी से फैली बदबू के कारण तालाब के आस-पास रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हो गया हैं. वहीं तालाब से उठ रही बदबू से महामारी फैलने का खतरा मंडराने लगा है. तालाब में फैली भयंकर बदबू से लोगों का तालाब के निकट से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं हैं. खासकर तालाब की पार पर स्थित चौपाटी में व्यवसाय करने वाले लोगों के व्यवसाय पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है और बदबू और गंदगी के कारण ग्राहक दुकानों में नहीं पहुंच रहे है. वहीं लोगों का कहना है की नगर परिषद परिसर के ठीक सामने यह हालात हैं तो नगर के अन्य 16 तालाबों की क्या स्थिति होगी किसी से कहने की आवश्यकता नहीं है. उल्लेखनीय है की नगर परिषद लांजी के ठीक सामने स्थित गणेशी तालाब आज अपने अस्तित्व को पूरी तरह खो चुका है. जबकि यहां प्रतिवर्ष  होने वाले धार्मिक आयोजनों और कलश विजर्सन सहित कई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. परंतु अतिक्रमण की मार और प्रशासन की अनदेखी के चलते गणेशी तालाब धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है और तालाब के किनारे स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाला गंदा पानी गणेशी तालाब में जा रहा है.   जिससे यह गंदगी पानी में मिलकर साफ पानी को खराब कर रही है. जिससे इस तालाब में भयंकर गंदगी हर साल फैल जाती है.

इनका कहना है

आपके द्वारा मछलियों के मरने की जानकारी दी गई है. मामले का संज्ञान लेकर निराकरण किया जाएगा.

के. एल. टेकाम, सीएमओ, नगर परिषद लांजी


Web Title : FISH SUDDENLY STARTED DYING IN GANESHI POND OF LANJI, PEOPLE TROUBLED BY STENCH, FISH DYING DUE TO HEAT AND UNHYGIENIC CONDITIONS OF MUNICIPAL COUNCIL AMARLAL BANWARI