बालाघाट. कुश्ती महासंघ के निर्वतमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरणसिंह के खिलाफ, महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में पॉस्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज होने हो गया है लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है. जिसमें कार्यवाही की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में आंदोलन कर महिला पहलवानों को, 28 मई को नये संसद भवन की ओर जाने से रोकने के लिए की गई बर्बरतापूर्ण घटना के बाद विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी महिला पहलवानों के समर्थन में खड़ा हो गई है.
महिला कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्र नेट्टा डिसुजा के निर्देश पर जिला मुख्यालयो में महिला कांग्रेस ने प्रेसवार्ता ली. 2 जून को जिला कांग्रेस कमेटी में आयोजित प्रेसवार्ता में महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रचना लिल्हारे ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि जहां बेटियों को पूजा जाता है, वहां बेटियों को न्याय पाने के लिए भटकना पड़ रहा है, देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा का रवैया गुंडो की तरह नजर आ रहा है, जिससे देश, प्रदेश और जिले की महिलायें स्वयं को असुरक्षित महसुस कर रही है. देश की जिन बेटियो ने तिरंगे की आन, बान और शान के लिए मेहनत कर अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाकर गौरांवित किया है आज उन्हीं के साथ हो रहा अन्याय, को सुनने वाला कोई नहीं है. देश की शान बेटियां, एक माह से ज्यादा समय तक दिल्ली के जंतर-मंतर में न्याय की मांग की आवाज उठाते रही लेकिन ना तो प्रधानमंत्री और ना ही उनके किसी मंत्रियों ने इनसे बात करने के बारे भी नहीं सोचा. 28 मई को बेटियों का अपराधी की मौजूदगी में देश के प्रधानमंत्री एक ऐसी सदन का उद्घाटन कर रहे थे, जहां लोकतंत्र को छोड़कर सबकुछ था और दूसरी ओर दिल्ली पुलिस बेटियों को घसीट रही थी. इससे शर्मनाक देश के लिए और क्या हो सकता है. दिल्ली पुलिस बेटियों को घसीटती है और भाजपा के आईटी सेल वाले बेटियो को बदनाम करने उनकी गलत फोटोस सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे है. एक तरफ नये संसद भवन में पीएम मोदी लोकतंत्र और महिला अस्मिता की दुहाई दे रहे थे और दूसरी ओर महज कुछ किलोमीटर दूरी दिल्ली पुलिस देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों के शांतिपूर्ण आंदोलन को अपने बूटो तले रौंध रही थी. जिस ब्रजभूषण को जेल में होना था, लेकिन मोदी जी सरकार ने इंसाफ मांग रही बेटियों को जेल भेज दिया.
अध्यक्ष श्रीमती लिल्हारे ने कहा कि एक ओर मोदीजी और उनके मंत्री महिला मुद्दे पर बड़ी-बड़ी बात करते है लेकिन सच्चाई यह है कि मोदी मंत्रीमंडल में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानीजी तो मूकदर्शक बनी बैठी है, जो स्मृति ईरानी जी महंगाई, महिला सुरक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर मंत्री बनने से पहले ज्ञान दिया करती थी, आज उनकी बोलती बंद है. महिला होने के बावजूद जो देश की बेटियों के साथ खड़े नहीं रह सकते तो ऐसे मंत्री होने का क्याद फायदा.
उन्होंने कहा कि देश के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहलवान बेटियों के साथ जो रहा है, उससे देश की छवि धूमिल पड़ रही है. वहीं वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन ने भी भारत को, बर्खास्तगी का अल्टीमेटम दे दिया है. मेहनत और कड़े संघर्ष के साथ हासिल किये गये अपने मैडल को गंगा में प्रवाहित करने की नौबत बेटियों के साथ आ जाना, साफ करता है कि देश में बेटियों को न्याय दिलाने वाला कोई नहीं है. ऐसे में देश की आम बहन-बेटियों की सुनवाई कौन करेगा. कौन अभिभावक, ऐसा होता देखने के बाद अपनी बेटियों को खेल में आगे भेजेगा. कांग्रेस मोदी जी और उनकी सरकार से सवाल करती है कि सरकार और प्रधानमंत्री इतने कमजोर है कि सांसद के सामने टुकने टेक दिये है? जिन बेटियों ने पूरे विश्व में देश का नाम रोशन किया, मैडल जीते, आज उन्हीं बेटियों को सरकार दंगाई साबित करने पर क्यों तुली हुई है? ब्रजभूषण शरणसिंह से अभी तक स्तीफा क्यों नहीं लिया गया? क्या सत्य का साथ देना न्यू इंडिया में जुर्म है? उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला महिला कांग्रेस बेटियों के साथ खड़ी और आगे भी खड़े रहेगी और जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन भी करेगी. उन्होंने कहा कि ब्रजभूषण सिंह को सरकार बचाने की कोशिश ना करें बल्कि उनका स्तीफा लिया जायें और कानून अनुसार उन्हें गिरफ्तार करके कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाये. इस दौरान महिला मोर्चा मंत्री श्रीमती संध्या धुवारे, शैफाली बुधरानी, संगठन मंत्री पूर्णिमा और मंदा चौरे उपस्थित थी.