2021 की जनगणना में आदिवासी रिलिजन कोड लागु करें सरकार-कोर्राम,दिल्ली में आदिवासियों ने सौंपा ज्ञापन, बालाघाट के अभा आदिवासी विकास परिषद ने लिया हिस्सा

बालाघाट. आगामी 2021 में होने वाली जनगणना में आदिवासी रिलिजन कोड को लागु किये जाने की मांग की गई है, दिल्ली के जंतर मंतर में आंदोलन कर पूरे देश के आदिवासियों ने आदिवासी धर्म समन्वयक समिति के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा. जिसमें बालाघाट जिले से अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम, प्रवक्ता प्रितमसिंह उईके, मंशाराम मड़ावी, ग्राम गणराज्य अध्यक्ष हेमलाल धुर्वे, सगा समाज समाजसेवक गोपालसिंह कुशरे, समाजसेवी गणेश कुभरे और अंकुरसिंह उईके ने हिस्सा लिया था. दिल्ली में रैली से वापस लौटने के उपरांत अखिल भारतीय आदिवासी परिषद जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने कहा कि 14 मार्च को दिल्ली में पूरे देश से आये आदिवासी समाज द्वारा आदिवासी धर्म समन्वयक समिति के नेतृत्व में आगामी 2021 की जनगणना में आदिवासी रिलिजन कोड को लागु किये जाने की मांग की है, जिसकी मांग वर्षो से देश का आदिवाासी समाज कर रहा है लेकिन आज तक इस मांग को पूर्ण नहीं किया गया. अब तक आदिवासियों को हिन्दुओं के कालम में रखा गया है जबकि आदिवासी समाज की रीतिरिवाज, रूढ़ि परंपरा, पूजा पद्वति हिन्दु धर्म से कहीं ज्यादा अलग है. उन्होंने कहा कि देश में 18 करोड़ आदिवासी आबादी के बावजूद जनगणना में आदिवासी रिलिजन कोड नहीं लाया जा रहा है जबकि इससे कम आबादी में निवासरत अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अलग से जनगणना में कोड है. उन्होंने कहा कि एक षडयंत्र के तहत आदिवासियों की जनगणना नहीं करवाई जा रही है, जबकि जनगणना के आधार पर ही सरकार बजट आबंटित करती है.  

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद प्रवक्ता प्रितमसिंह उईके ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी मानती है कि आदिवासियों की संस्कृति प्राकृतिक होने के कारण अलग है, जब सुप्रीम कोर्ट कहती है तो आदिवासी समाज का जनगणना में अलग से रिलिजन कोड दिया जाने पर सरकार इतनी देरी क्यों कर रही है? यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि आगामी 2021 की जनगणना में सरकार आदिवासियांे के लिए अलग से रिलिजन कोड बनायेगी, इसका पूरा भरोसा है, यदि सरकार ऐसी नहीं करती है तो इसके खिलाफ आगामी रणनीति तैयार की जायेगी.


Web Title : IN THE 2021 CENSUS, THE TRIBAL RELIANCE CODE WAS TAKEN UP BY THE GOVERNMENT KORRAM, A MEMORANDUM SUBMITTED BY THE TRIBALS IN DELHI, THE ABHA TRIBAL DEVELOPMENT COUNCIL OF BALAGHAT.