बालाघाट. विगत 10 अक्टूबर को छोटी नहर पुलिया ददिया के पास मिले छिंद व्यापारी सुभाष लाडिया के मिले शव मामले में, दर्ज हत्याकांड में पुलिस ने उसके परिचित ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिन्होंने सुभाष लाडिया से 2 हजार रूपये लूटने के बाद उसकी हत्या कर दी.
बताया जाता है कि जबलपुर के थाना चरगवा अंतर्गत जमुनिया निवासी सुभाष लाडिया काफी समय से ददिया और ब्रम्हनी में छिंद की पत्ती काटने आता है, जिसके बाद काटी गई पत्तियों से झाडु बनाने उसे ट्रक से लेकर जबलपुर जाता है. जिसके लिए वह काफी दिन यहां रहता भी है, लंबे समय से क्षेत्र में आने और ठहरने से उसकी पहचान हत्यारों से थी. बताया जाता है कि घटना दिनांक को ब्रम्हनी में ददिया निवासी दिपक उर्फ गोलु नारबोदे, मोहगांव बोरी निवासी रोहित मेश्राम और ददिया कंडराटोला निवासी रिकेश पडवार तीनो मोटर सायकिल से पहुंचे थे. जहां उन्होंने सुभाष के जेब में 2 हजार रूपये का नोट देखा. जिसके देखकर तीनो की नियत फिसल गई और उन्होंने उससे रूपये की लूट करके उसको मारने की योजना बनाई और उसे अपने साथ ददिया नहर किनारे लाये और तीनो ने मिलकर उसके पास रखा 2 हजार रूपये का नोट छिनकर उसके साथ मारपीट की, जब सुभाष ने जोर लगाया तो आरोपियों ने उसके सिर पर हमला कर उसे नहर में फेंक दिया. जब सुभाष ने नहर से निकलकर बचने का प्रयास किया तो आरोपियों ने उसे नहर से पकड़कर ब्रम्हनी तक ले गये और ब्रम्हनी-कटंगा रोड पर तार, रस्सी से गला घोंटकर और डंडे से सिर पर मारकर उसकी हत्या कर दी और साक्ष्य को छिपाने की नियत से आरोपियों ने मृतक सुभाष लाडिया के शव को नहर में फेंक दिया.
पुलिस ने तीनो ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से घटना में प्रयुक्त की गई मोटर सायकिल, तार, रस्सी और डंडे को बरामद कर लिया है. मामले में सभी तीनो आरोपियों को पुलिस ने थाना मंे दर्ज अपराध क्रमांक 491/19 मंे धारा 302,201 के तहत गिरफ्तार किया है. जिन्हें पुलिस ने माननीय न्यायालय में पेश किया.
जबलपुर से बालाघाट आये छिंद व्यापारी के अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने और आरोपियों को गिरफ्तार करने में वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशन और मार्गदर्शन में थाना प्रभारी एम. आर. रोमड़े, उपनिरीक्षक संदीप मंगोलिया, एएसआई लक्ष्मीचंद चौधरी, जयंत पिछोड़े, राजिक सिद्धकी, प्रधान आरक्षक भूमेश्वर वामनकर, नरेन्द्रसिंह, आरक्षक प्रवेश वर्मा, शहजाद खान, पुष्पेन्द्र रावत, सुमन धुर्वे, दारासिंह बघेल, दीनु बघेल, शिशुपाल कटरे, मनोज बघेल, अरविंद तिवारी, प्रमोद झारिया एवं आरक्षक चालक चंद्रकिशोर तिवारी का योगदान सराहनीय रहा.