जापानी मियावाकी पद्धति से शहर को नपा देगी हरित आवरण, ग्रीन शहर बनाने में नपा की पहल सराहनीय-सांसद पारधी, मिट्टी का कटाव रोकने और ऑक्सीजन में मदद करेगा मियावाकी वन-नपाध्यक्ष ठाकुर

बालाघाट. मियावाकी पद्धति से पृथ्वी और प्रकृति को हरा-भरा ओर स्वच्छ बनाने में जुटी बालाघाट नगरपालिका ने एक अभिनव और प्रेेरणादायी पहल की है. जापानी मियावाकी पद्धति से शहर को हरित आवरण देने नपा ने मियावाकी मिनी वन तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. जिसके प्रथम चरण में मोती तालाब की पार में नगरपालिका ने एक ही दिन में लगभग 218 पौधो का रोपण किया गया.  

शासन के नमो गंगे अभियान के तहत नपा की नगर को हरित आवरण देने शुरू की गई नई पहल की शुरूआत जिले के नई नवेली सांसद भारती पारधी के मुख्य आतिथ्य औेर नपाध्यक्ष भारती ठाकुर, नपा उपाध्यक्ष योगेश बिसेन, मीना चावडा,नपा सभापति सुधीर चिले, वकील वाधवा, मानक बर्वे, संगीता खगेश कावरे, कमलेश पांचे, पार्षद राज हरिनखेड़े, श्रीमती योगिता विनय बोपचे, उज्जवल आमाडारे, नगर अध्यक्ष सुरजीतसिंह ठाकुर, चंद्रकांत पिपलेवार, सूरज दौने, लालचंद पिपलेवार, सोहन दौने, मोनू पिपलेवार,नरेंद्र धुवारे, खगेश कावरे, विनय बोपचे, राजू क्षत्री एवं उधान शाखा प्रभारी प्रभात राहंगडाले और अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.   

मियावाकी पद्धति से सघन वन की शुरूआत के लिए किए गए पौधारोपण में बतौर अतिथि मौजूद जिले की नई नवेली सांसद भारती पारधी ने कहा कि शहर को ग्रीन शहर बनाने में जापानी मियावाकी पद्धति से पौधारोपण की शुरूआत एक सराहनीय पहल है. बालाघाट नगरपालिका, नगरवासियों को स्वस्थ्य वातावरण प्रदान करने का अच्छा काम कर रही है. यह नगरपालिका का एक अच्छा विचार और प्रयास है.

नपाध्यक्ष भारती ठाकुर ने कहा कि जापान की मियावाकी पद्धति से मियावाकी वनों को बनाने का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अपने मन की बात में कर चुके है, जिसमें उन्होने मियावाकी वनों के लाभ में जनता से बात की थी. नगरपालिका में इस नई पहल को शासन के निर्देशानुसार पर्यावरण दिवस से चलाए जा रहे नमो गंगे अभियान के तहत किया है. जिससे जहां मिट्टी का कटाव रूकेगा, वहीं यह वन लोगों को ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देगा. जिसकी कीमत में कोरोना कॉल में महसुस कर चुके है. नगरपालिका शहर को हरित आवरण देने में कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है, हमारा प्रयास है कि नगरपालिका तो इस कार्य को कर ही रही है लेकिन आम जनता भी इसकी देखरेख, एक बच्चे की तरह करें. उन्होंने कहा कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो मोती तालाब के चारो और मियावाकी वन विकसित किए जाएंगे.

राजधानी के बाद बालाघाट में पहली पहल

उद्यान प्रभारी प्रभात राहंगडाले की मानें तो जापान की मियावाकी पद्धति से हम नगर को हरित आवरण देने का प्रयास कर रहे है. मियावाकी पद्धति से 15 बाई 80 वर्गफीट की जगह पर लगभग 218 पौधो का एक सघन वन तैयार किया जाएगा. इससे पूर्व, प्रदेश की राजधानी भोपाल में 8 से 10 जगहों पर किया गया यह प्रयोग पूर्णतया सफल रहा है. इससे जहां मृदा क्षरण पर रोक लगती है, यह जल को संरक्षित भी करता है. इसमें लगे पौधे 8 से 10 महिनो में पूर्ण रूप से विकसित हो जाते है और इन पेड़ो की जड़े आपस में मजबूती से जुड़ी रहती है. उन्होंने बताया कि मोती तालाब की मेड़ पर किया गया, यह प्रयोग यदि सफल रहता है तो नगर के अन्य स्थानो में भी इसे विकसित किया जाएगा. उन्होने बताया कि इसमें पौधे बढ़ते क्रम से छोटे क्रम में लगाए जाते है. जिसमें पौधों को पेड़ो के रूप में विकसित करने के लिए धान की भूसी, पैरा, काली मिट्टी और गोबर की जैविक खाद का उपयोग किया जाएगा और नियमित रूप से पौधो की सिंचाई के साथ ही इसकी देखरेख भी की जाएगी.

ऐसा किया गया जगह को तैयार

मोती तालाब की मेड़ को बिना नुकसान पहुंचाए पहल मेड़ की ट्रालियों से लाई गई मिट्टी से ड्रेसिंग की गई. जिसके बाद पौधे लगाने पास-पास में ढाई बाई डेढ़ फिट का गढ्ढा किया गया. जिसके बाद इसमें पौधों का रोपण किया गया. जिसमें 12 फीट से लेकर 2 फीट तक विकसित पौधों का रोपण किया गया है.  

इन पौधो का किया गया रोपण

मियावाकी पद्धति से नगरपालिका द्वारा पहली बार मिनी सघन वन मोती तालाब की मेड़ के ढलान वाले स्थल पर किया जा रहा है. जिसमें 14 जून को सांसद और नगरपालिका परिवार द्वारा पौधारोपण किया गया. जिसमें रूद्राक्ष, बेलपत्र, लक्ष्मीतरू, कचनार, टिकोमा, ब्लू जकरण्डा, कदम, मौलकी, मुनगा, बाटल ब्रश, नीम, जामुन, आम, रूद्र पलाश, बोगनवेलिया, अमलताश के पौधो का रोपण किया गया है.

800 से 80 रूपए तक की कीमत के है पौधे

मियावाकी पद्धति से नगर को हरित आवरण देने में जुटी नगरपालिका ने मियावाकी पद्धति से एक अभिनव प्रयोग करते हुए मोती तालाब के ढलान वाले स्थल पर मिनी सघन वन की शुरूआत में विभिन्न प्रजाति के 218 पौधों का रोपण किया गया है. जिसमें सभी पौधे नगरपालिका द्वारा क्रय किए गए है. जिसमें 800 रूपए से लेकर 80 रूपए तक के पौधे है.  


Web Title : JAPANESE MIYAWAKI METHOD TO MEASURE GREEN COVER IN CITY, NAPAS INITIATIVE IN MAKING GREEN CITY COMMENDABLE: MP PARDHI, WILL HELP PREVENT SOIL EROSION AND OXYGEN MIYAWAKI FOREST PRESIDENT THAKUR