मातारानी जगत का कल्याण करें, मन में मनोकामना लेकर देवीभक्त ने शरीर पर बोया ज्वारा

बालाघाट. पूरे जिले में शारदीय नवरात्र से भक्ति का माहौल है, मातरानी की आराधना करने भक्त उपवास कर मातारानी की उपासना मंे जुटे है, नवरात्र पर मन, काम, क्रोध और लोभ से परे भक्त माता की भक्ति में लीन है, मातारानी की भक्ति में किसी भक्त ने चरण पादुका त्याग दी है तो एक भक्त ऐसा भी है जो जनकल्याण की भावना से शरीर पर ज्वारा बोकर मां की उपासना में लेटा है.  

जिले के लालबर्रा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धपेरा निवासी भगतराम मांदरे, अपने नाम के अनुसार ही मां का अनन्य भगत है. वह सालों से शारदेय नवरात्र पर मां की आराधना और उपासना के लिए कठिन तप करता है, बीते तीन सालों से वह प्रत्येक शारदेय नवरात्र में पैदल, मैहर स्थित मां शारदा देवी के दर्शनार्थ जा चुका है, वहीं इस वर्ष से तीन वर्षो तक मां की भक्ति के लिए उसने स्वयं के शरीर पर ज्वारा बोया है. देवीभक्त भगतराम ने यह ज्वारा जगत कल्याण के भाव से बोया है कि मातारानी उसके इस तप से प्रसन्न होकर जगतकल्याण की उसकी मनोकामना पूर्ण करें.  

मातारानी की उपासना में शरीर पर ज्वारा बोकर दरबार में लेटे भगतराम इस दौरान केवल दूध ले रहे है, उनका कहना है कि उनकी व्यक्तिगत कोई मनोकामना नहीं है बल्कि वह जगत कल्याण के भाव से प्रतिवर्ष मां के शारदेय नवरात्र पर कठिन तप करते है, वहीं इस वर्ष के साथ ही आगामी दो वर्ष तक वह शरीर पर ज्वारा बोकर माता की आराधना करने वाले है, वहीं उन्होंने इसके बाद भी शारदेय नवरात्र पर मां की आराधना के लिए अपना कार्यक्रम तय कर लिया है, उनकी मंशा है कि इस तप के बाद वह पैदल डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने जायेंगे.  

उनकी इस भक्ति में उनका पूरा परिवार भी साथ है, परिवार के लोग उनका पूरा ध्यान रख रहे है. शारदेय नवरात्र पर अपने मायके धरती में आने वाली माता की भक्ति का यह कठिन और अनूठा तप, पूरा हो, इसके लिए भगतराम और पूरा परिवार मां की भक्ति में लीन है.


Web Title : MAY MATARANI BLESS THE WORLD, WITH DESIRES IN MIND, GODDESS BHAKTA SOWS JOWAR ON BODY