शिक्षक दिवस पर भावी शिक्षकों ने मांगी भीख, करवाया मुंडन, किया बूट पालिश और बेचे पकौड़े, ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सड़क पर उतरी युवा तरूणाई

बालाघाट. पूरा जिला जहां शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को नमन कर रहा था, वहीं जिले में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित भावी शिक्षकों ने सरकार के दस्तावेज प्रक्रिया पर रोक लगाये जाने के खिलाफ ओबीसी महासभा के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर भीख मांगी, मुंडन करवाया, बूट पालिश किया और पकौड़े बेचकर अनूठा प्रदर्शन कर दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की. इसी आंदोलन में ओबीसी के प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा दिये गये 27 प्रतिशत आरक्षण को भी यथावत रखने सहित अन्य कई मांगो को लेकर युवा तरूणाई ने सड़क पर उतरकर अपनी आवाज बुलंद की. ओबीसी महासभा के नेतृत्व में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित भावी शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया, प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को यथावत रखने, संपूर्ण देश में जनसंख्या के अनुसार ओबीसी आरक्षण को 52 प्रतिशत किये जाने, शासकीय संस्थानों के निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने, नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालाघाट के मूलनिवासियों को पुलिस भर्ती सहित अन्य शासकीय भर्ती में प्राथमिकता देने, बेरोजगारों के लिए नई नौकरी निकालने एवं नीति बनाने, शासकीय भर्ती प्रक्रिया का समयावधि निश्चित करने, जिले में बहुतायत में पाये जाने वाले बांस और लाख के लिए उद्योग खोले जाने, ट्रामा सेंटर में प्रसुताओं से सीजर डिलेवरी के नाम से मांगे जाने वाले रूपयों की मांग पर रोक लगाने तथा शहर के गोंदिया रोड सरेखा, बैहर रोल रेलवे क्रार्सिंग, भटेरा रेलवे क्रार्सिंग में यातायात की समस्या को देखते हुए ओवरब्रिज का निर्माण किये जाने सहित 31 सूत्रीय मांगो को लेकर किये गये आंदोलन को बिना अनुमति और कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन किये जाने को लेकर तहसीलदार ने कोतवाली को मामले में आंदोलन की अगुवाही कर रहे सौरभ लोधी के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिये गये है.

आज 5 सितंबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ओबीसी महासभा का आंदोलन नगर के आंबेडकर चौक में आयोजित किया गया. जहां ओबीसी महासभा से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं सहित ओबीसी आंदोलन को समर्थन देने वाले संगठन पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित भावी शिक्षक मौजूद थे.  

धरना प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने गीतो के माध्यम से आंदोलनकारियों में लेकर रहेंगे आजादी के गीत के साथ जोश भरने का काम किया. लगभग 4 घंटे तक आंबेडकर चौक में चले धरना प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगो के समर्थन में ओबीसी महासभा और भावी शिक्षकों ने सरकार का संकेतात्मक विरोध दर्ज करते हुए राह चलते लोगो और दुकानदारों से भीख मांगी, मुंडन कराया, बूट पालिश किया और पकोडे़ बेचकर विरोध दर्ज किया. जिसके बाद धरना प्रदर्शन स्थल से रैली निकाली गई, जो आंबेडकर चौक से काली पुतली चौक, जयस्तंभ चौक से विश्वेश्वरैया चौक होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. जहां 31 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन महामहिम राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को सौंपा गया. प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 नियमांे के तहत सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए रैली निकाली.

ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी ने कहा कि विगत दो माह से लगातार ओबीसी आरक्षण को प्रदेश में 27 प्रतिशत के तत्कालीन सरकार के आदेश को यथावत रखने तथा शिक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित भावी शिक्षकों की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ किये जाने की मांग हमारे द्वारा की जा रही है, जिसको लेकर विगत 28 जुलाई को भी ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन प्रदेश की शिवराजसिंह चौहान की सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे ओबीसी का युवा वर्ग और चयनित भावी शिक्षक स्वयं को उपेक्षित और आहत महसुस कर रहे है. जिसके चलते एक बार फिर सरकार का ध्यानाकर्षण करवाने के लिए सड़क पर उतरकर आज आंदोलन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री मामा शिवराजसिंह चौहान से एक बार फिर युवाओं ने मांग की है कि उन्हें उनका हक और अधिकार दिलवायें. इसके बाद भी यदि सरकार हमारी मांगो पर ध्यान नहीं देती है तो भविष्य में भोपाल में बड़ा आंदोलन कर विधानसभा का घेराव किया जायेगा. उन्होंने प्रशासन द्वारा अपराधिक मामला दर्ज किये जाने पर कहा कि यदि युवाओं के हक और अधिकार के लिए लड़ते हुए हमें जेल भी जाना पड़े तो मंजूर है.  

शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित महिला अभ्यार्थी नीता हरिनखेड़े ने कहा कि एक तो लंबे समय के बाद प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी, लेकिन सालों बाद भी चयनित अभ्यार्थियों की भर्ती नहीं हो पा रही है, जिससे अभ्यार्थियों में भारी निराशा है, हमारी शिवराज मामा से मांग है कि हमारी भर्ती शीघ्रता शीघ्र किया जायें. चूंकि नौकरी के पढ़ाई और अब तक के लंबे संघर्ष के बाद भी यदि उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है तो इससे उनके मानसिक स्थिति खराब हो रही है.  

ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी महेन्द्रसिंह ने कहा कि पूरे देश में ओबीसी वर्ग संख्या के अनुसार आरक्षण की मांग कर रहा है. वहीं प्रदेश में तत्कालीन सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था,लेकिन ओबीसी वर्ग को मिले आरक्षण के विरोधियों को वह भी नागवार गुजरा और उन्होंने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर प्रदेश की सरकार को अपना पक्ष रखना है लेकिन देखने में आ रहा है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार न्यायालय में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख पा रही है जिसके कारण यह मामला लंबा खिंचता चला जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष मजबूती से और 27 प्रतिशत आरक्षण को प्रदेश में यथावत नहीं रखा तो इसके दुष्परिणाम भी भविष्य में सरकार को भुगतने पड़ सकते है.

5 सितंबर को ओबीसी महासभा के आंदोलन को भीम आर्मी, आदिवासी विकास परिषद, आंबेडकर एकता मंच, मदर टेरेसा सेवा समिति, दलित-मुस्लिम एकता मंच, दी बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया, बहुजन मुक्ति मोर्चा, ओबीसी पिछड़ा वर्ग मोर्चा, मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस, मूलनिवासी संगठन सहित अन्य संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया था. ओबीसी महासभा के नेतृत्व में हुए आंदोलन में बड़ी संख्या में ओबीसी महासभा से जुड़े पदाधिकारी, कार्यकर्ता, शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित भावी शिक्षक सहित समर्थक संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.  

Web Title : ON TEACHERS DAY, PROSPECTIVE TEACHERS SOUGHT BEGGING, MADE MUNDON, BOOT POLISH AND SOLD FRITTERS, YOUNG TARUNAI ON THE ROAD ON THE ISSUE OF OBC RESERVATION