सामूहिक अवकाश हड़ताल पर गये पटवारी, सारा ऐप को किया अनस्टाल, जियो टैग गिरदावरी का विरोध

बालाघाट. दो दिनों के अल्टीमेटम के बाद प्रदेश सहित जिले के पटवारी तीन दिनों की सामूहिक अवकाश हड़ताल पर चले गये है, वहीं ऑनलाईन सारा ऐप को भी अनस्टाल कर दिया है. जिससे पटवारियों द्वारा किये जाने वाले सीएम हेल्पलाईन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, वेक्सीनेशन, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना सहित अन्य कार्यो पर इसका सीधा असर पड़ा है. पटवारी जियो टैग गिरादवरी का विरोध कर रहे है. पटवारियों का कहना है कि जियो फेंस तकनीक से गिरदावरी करने में उन्हें व्यवहारिक कठिनाईयांे का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वे परेशान है, वहीं प्रदेश के राजगढ़ और दतिया में जिया फंेस तकनीक से गिरदावरी नहीं करने पर पटवारियों पर निलंबन और इंक्रीमेंट रोकने की की गई कार्यवाही से ही पटवारी नाराज है.  

जिसके चलते जहां 17 एवं 18 जनवरी को पटवारियों ने जियो फेंस तकनीक से गिरदावरी के आदेश को वापस लिये जाने की मांग को लेकर अल्टीमेट ज्ञापन दिया था. जिस पर कोई कार्यवाही नहीं होने से पटवारी 19 से सामूहिक अवकाश हड़ताल पर चले गये है, जो आज 21 जनवरी तक जारी रहेगी.  

गौरतलब हो कि किसानों से फसल उपार्जन से लेकर सारी नीतियों का निधारण गिरदावरी से ही किया जाता है, जिसको पटवारी जियो फेंस तकनीक से कराकर सामान्य एप से गिरदावरी कराये जाने की मांग कर रहे है. पटवारी संघ जिलाध्यक्ष अरूण बिरनवार ने कहा कि वर्ष 2021-22 की रबी फसल का गिरदावरी कार्य जियो फेंस तकनीक से किया जाना है, चूंकि बिना गिरदावरी के फसल बीमा एवं ई-उपार्जन के महत्वपूर्ण कार्य नहीं किया जा सकते. जिससे गिरदावरी का कार्य समय-सीमा में होना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन जियो फेंस तकनीक से होने वाली गिरदावरी में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों से पटवारी परेशान है, जिसको लेकर लगातार पटवारी संघ शासन, प्रशासन का ध्यानाकर्षण करवा रहा है, लेकिन शासन, प्रशासन पटवारियों की परेशानी को दूर करने के बजाये पटवारियों पर ही गिरदावरी नहीं करने पर कार्यवाही कर रहा हैं, जिससे पटवारी मानसिक रूप से प्रताड़ित है.

हमारी मांग है कि जियो फंेस में आ रही गिरदावरी की व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर किया जायें या फिर सामान्य एप द्वारा गिरदावरी कार्य करने के आदेश प्रसारित किया जायें. उन्होंने कहा कि वैसे ही पटवारियों पर काम का बोझ ज्यादा है, ऐसी स्थिति में प्रभार के ग्रामों और क्षेत्रफल की संख्या इतनी अधिक है कि समय सीमा में जियो फेंस तकनीक सो गिरदावरी कार्य किया जाना संभव नहीं है, जियो फेंस से गिरदावरी करने हमें प्रत्येक खसरा नंबरों पर जाना होगा, जिसमें अत्यधिक श्रम एवं समय लगेगा. जियो फेंस तकनीक से काम करते समय यह भी देखा गया कि खेत या खसरे पर खड़े होने पर जियो फेंस तकनीक कुछ मीटर दूरी बताता है और जब वहां पटवारी पहुंचता है तो पता चलता कि वहां दूसरे का खेत है. दूरस्थ स्थित खेतो में आवागमन एवं कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं होने से कार्य करने में भी अत्यंत कठिनाई हो रही है. रबी मौसम में जिले में महज 20 से 25 प्रतिशत क्षेत्रफल में फसल बोई जाती है, जबकि बैहर, बिरसा, लांजी सहित अन्य क्षेत्र में भूमि पड़त रहती है, जिसकी भी गिरदावरी करना है, जिसमें अकारण ही परिश्रम पटवारी को करना होगा.

उन्होंने कहा कि ऑनलाईन गिरदावरी का यह 10 वां सीजन है, जिसमें जियो फेंस तकनीक की व्यवहाकि कठिनाईयों से पटवारियों को परेशान होना पड़ रहा है. जबकि इससे पूर्व 9 सीजन में पटवारियों ने समय-सीमा में गिरदावरी का कार्य गुणवत्तापूर्ण किया है. जबकि जियो फेंस तकनीक से पटवारियों को गिरदावरी करने में परेशानी हो रही है. इसकी व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर किया जायें या फिर इसे बंद कर सामान्य एप से गिरदावरी करवाई जायें.  


Web Title : PATWARI ON MASS HOLIDAY STRIKE, SARA APP UNINSTALLED, JIO TAG GIRDAVARI PROTESTED