बिजली अधिकारी, कर्मचारी यूनियन ने मांगो को लेकर कार्यालयों में की तालाबंदी,महासंघ ने किया तालाबंदी का विरोध, कई क्षेत्रो में रहा ब्लैक आउट

बालाघाट. निजीकरण, संविदा और बाह्रयस्त्रोत कर्मचारियों को नियमित करने, बिजली कर्मचारियों को फ्रंटलाईन वर्कर मानते हुए कोविड कल्याण योजना में शामिल करने, विभागीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के बाद भुगतानों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और पदोन्नति सहित लगभग 18 सूत्रीय मांगो को लेकर 10 अगस्त को मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्लाईज एवं इंजिनियर्स यूनियन के नेतृत्व में बिजली सेक्टर को बचाने के लिए अधिकारी और कर्मचारियों ने संघर्ष का नारा देते हुए हड़ताल की और कार्यालयों में तालाबंदी कर दी है. हालांकि महासंघ ने कार्य के बहिष्कार के आंदोलन को तालाबंदी आंदोलन में परिवर्तित किये जाने पर विरोध जाहिर किया है.

जिले में 10 अगस्त को यूनाईटेड फोरम यूनियन से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी और पत्रोपाधि अभियंता संघ, आउटसोर्स कर्मचारी संघ, संविदा कर्मचारी संघ द्वारा पूरे जिले के कार्यपालन यंत्री, संभागीय कार्यालय और बिजली कार्यालयों में तालाबंदी करने से बिजली विभाग का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित रहा.

इमरजंेसी सेवाओं को छोड़कर बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को किसी भी प्रकार के बिजली कार्य और बिजली समस्या पर ध्यान नहीं दिया. अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने मोबाईल फोन भी बंद रखे थे. जिसके चलते बिजली समस्या से परेशान लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.  

बालाघाट मुख्यालय मंे यूनाइटेड फोरम यूनियन संयोजक कार्यपालन अभियंत्रा लक्ष्मणसिंह, सचिव चंद्राकर चंद्रास, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष आई. डी. पटले, प्रचार प्रमुख शिव मुवनेश्वर, संविदा कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष मिथुन ठाकरे, कोषाध्यक्ष सहायक अभियंता हुकुमचंद यादव, पत्रोपाधि अभियंता संघ जिलाध्यक्ष बी. के. उमरे, आउटसोर्स कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष सूरज चौहान, आर. के. शर्मा, श्रीमती पंचशीला खोब्रागढे़, पप्पु टेंभरे सहित बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों ने मांगो के समर्थन में नारेबाजी की और सरकार से मांगो के निराकरण की मांग की.

यूनाइटेड फोरम संयोजक लक्ष्मणसिंह वल्के ने कहा कि विगत लंबे समय से फोरम सरकार से मांगो के निराकरण की मांग कर रहा है लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे मजबूरीवश 10 अगस्त को चरणबद्व आंदोलन में तालाबंदी कर सरकार का बिजली कर्मचारियों की मांगो की ओर ध्यानाकर्षण करवाना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं के सुधार के कार्य के लिए कर्मचारी तैनात है, लेकिन उपभोक्ताओं की बिजली समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जायेगा.

कार्यवाहक जिलाध्यक्ष आई. डी. पटले ने बताया कि चरणबद्व आंदोलन के तहत फोरम 1 अगस्त से सरकार के सामने अपनी मांगो को रखकर आंदोलन कर रहा है लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते 10 अगस्त को कार्यालयों में तालाबंदी कर एक दिवसीय संपूर्ण कार्य का बहिष्कार कर विद्युत शिकायतों के लिए अधिकारी, कर्मचारियों ने मोबाईल बंद रखें. इसके बाद भी यदि सरकार बिजली कर्मचारियों की मांगो पर ध्यान नहीं देती है तो आगामी 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय संपूर्ण कार्य का बहिष्कार एवं 6 सितंबर से बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.  

जिले के अधिकांश क्षेत्रो में रहा ब्लैक आउट

जिले के परसवाड़ा, मोहगांव, गढ़ी, उकवा, वारासिवनी, रोशना सहित जिले के कई स्थानो में ब्लैक आउट रहा. जिसके कारण बिजली उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा. बिजली कर्मचारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं को बिजली समस्या से हुई परेशानी के लिए वह खेद व्यक्त करते है लेकिन सरकार यदि बिजली कर्मचारियों की मांगो पर ध्यान दे देती, तो आज बिजली उपभोक्ताओं को इन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. बिजली कर्मचारी और सरकार के बीच लड़ाई का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को आज बिजली समस्याओं से परेशान होकर उठाना पड़ा.

कार्य बहिष्कार में कर दी तालाबंदी, महासंघ ने जताया विरोध

ध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्लाईज एवं इंजिनियर्स यूनियन के नेतृत्व में बिजली सेक्टर को निजीकरण से बचाने और अधिकारी, कर्मचारियों की मांगो को लेकर चरणबद्व आंदोलन के द्वितीय चरण में कार्य बहिष्कार का आव्हान था, लेकिन कार्यालयो में यूनियन ने तालाबंदी कर दी. जिसको लेकर बिजली कर्मचारी महासंघ ने विरोध जताया है, बिजली कर्मचारी महासंघ वृत्त अध्यक्ष प्रणय श्रीवास्तव ने कहा कि 10 अगस्त को प्रदेश के बिजली उद्योग में एक संगठन के आव्हान पर कार्य बहिष्कार की घोषणा की गई थी, किंतु कुछ अधिकारियों के निर्देशन में लगभग सभी विद्युत कार्यालयों में जबरन तालाबंदी किये जाने के कारण कार्य करने के इच्छुक बिजली कर्मचारी भी कार्य नहीं कर सके. जिसका भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध बिजली कर्मचारी महासंघ सहित लगभग 16 अन्य बिजली कर्मचारी संघों के महागठबंधन बिजली कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा, कड़ा विरोध करता है और कार्यालयों में जबरन तालाबंदी करने वाले जवाबदार व्यक्ति पर अनुशासनात्मक दंडनीय कार्यवाही करने की मांग करता है. क्योंकि कार्य बहिष्कार और ताला बंदी अलग-अलग विषय हैं. मुख्य रूप से कार्य बहिष्कार की ही घोषणा करते हुए आंदोलन का आव्हान किया गया था किंतु कार्यालय समय से पूर्व ही सुनियोजित तरीके से अधिकारियों के इशारे पर तालाबंदी कर दिये जाने से कार्य के इच्छुक बिजली कर्मचारी अपनी ड्यूटी नही कर सके. इस प्रकार के श्रम कानून विरोधी कार्यो का बिजली कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा विरोध करता है.


Web Title : POWER OFFICIALS, EMPLOYEES UNION LOCK OFFICES OVER DEMANDS, FEDERATION OPPOSES LOCKDOWN, BLACKOUTS IN SEVERAL AREAS