पवित्रता वही, परंपरा नई,भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन करने सिंधु सेना की नई पहल

बालाधाट. पर्यावरण को सुरक्षित रखना यूं तो हर नागरिक का कर्तव्य है, लेकिन अक्सर पर्यावरण को हम ही प्रदूषित करते है, प्रतिवर्ष सरोवरों में प्रतिमाओं और पूजन सामग्री विसर्जित करने के प्रतिमाओं के कलर और पूजन सामग्री से जल प्रदूषित होता है, जिससे नदियों और तालाबों में रहने वाले जलजीव पर इसका विपरित असर पड़ता हैं. जिसे देखते हुए सामाजिक संस्था सिंधु सेना ने एक नई पहल ‘पवित्रता वही, परंपरा नई’ थीम के साथ प्रतिमा विसर्जन को लेकर प्रारंभ की है. इस वर्ष सिंधु सेना द्वारा इस वर्ष गणेश विसर्जन को सुविधा जनक और ईको फ्रेंडली बनाने का संकल्प लिया गया है, जिसके लिए सिंधु सेना द्वारा नगर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में एक विसर्जन कुंड तैयार किया जा रहा है, जहां भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन किया जायेगा.  

सिन्धु सेना प्रदेश मंत्री विशाल मंगलानी और कार्यक्रम प्रभारी सतीश सचदेव ने बताया कि सिंधु सेना द्वारा इस वर्ष उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान में गणेश विसर्जन की विशेष व्यवस्था की गई है. जिसमे संस्था का उद्देश्य सात्विक मंत्रोच्चार सह पवित्रता और परंपरा निर्वहन के साथ-साथ नदी तालाब पर लगने वाली भीड़-भाड़ और संभावित दुर्घटनाओं से बचाव, प्राकृतिक संसाधन नदी, तालाब और जलस्त्रोत का प्रदूषण से बचाव, सुदूर जलस्त्रोत के स्थान पर नगर के मध्य सुविधाजनक स्थान मुहैया करवाना और अपनी सुविधानुसार समय पर विसर्जन करने की मंशा से विसर्जन कुंड बनाया गया है.  

विसर्जन स्थल पर प्रकाश और पेयजल व्यवस्था, बुजुर्गों के लिए बैठक स्थल, सुरक्षित पार्किंग, परिसर में सुरक्षा गार्ड इत्यादि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि 19 सितंबर रविवार सुबह 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक जारी रहेगी.

उन्होंने संस्था के युवाओं द्वारा विसर्जन पश्चात प्रतिमाओं की पवित्र माटी को वृक्षारोपण के लिए प्रयोग किया जायेगा. इच्छुक व्यक्तियों को विसर्जन पश्चात अगले दिन परिसर पर भी इस मिट्टी को उपलब्ध किया जा सकेगा. नागरिकों से सिंधु सेना द्वारा पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टिगत सहयोग और अपने इष्ट मित्रों और परिचितों को जानकारी देने की अपील की गई है, ताकि जल प्रदूषण को रोका जा सके.


Web Title : PURITY SAME, TRADITION NEW, NEW INITIATIVE OF INDUS ARMY TO IMMERSE STATUE OF LORD GANESHA