पंचायतों की मांग पर मिलेंगे पौधे, लेकिन पौधे जिंदा रखने की देनी होगी गारंटी- मंत्री पटेल, प्रदेश की सभी नदियों के उद्गम स्थलों तक जाएंगे पंचायत मंत्री

बालाघाट. प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत कटंगी और वारासिवनी जनपद में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. कटंगी जनपद में अम्मा माई स्थित चंदन नदी और वारासिवनी में रमरमा में कास नदी के उद्गम स्थल पर कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की. दोनों स्थलों पर उन्होंने सरपंच पंच और ग्रामीण जनों से कहा कि जो भी पंचायतें पौधें मांगे उन्हें पौधे दिए जाएंगे. लेकिन पौधे जिंदा रखने की गारंटी उन्हें देना होगी. उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान के प्रारंभ करने के विषय मे कहा कि आज की आवश्कयता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आचार संहिता के बीच इस अभियान को प्रारंभ किया. 5 जून से 16 जून तक का अभियान जागरण का अभियान है. अब इस अभियान का वास्तविक समय आने वाला है. आगामी बारिश में हर एक नागरिक अपना उत्तरदायित्व का निर्वहन करने के लिए एक पौधा लगाकर उसे जिदंगी देकर पूरा कर सकता है. उन्होंने नागरिकों से प्रार्थना करते हुए कहा कि आने वाले 3 माह पौधारोपण के लिए अनुकूल है. कोई भी व्यक्ति अपने खेत, बाड़े, घर या शासकीय भूमि पर पेड़ लगाए. साथ ही पौधे को जिंदगी देने का दायित्व भी निभाये तो नदियां अविरल बहेगी. कटंगी की चंदन नदी और वारासिवनी में रमरमा नदी के उद्गम स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में जनपद की 81 पंचायतों के सरपंच ओर पंचों से पौधों को जीवन देने का आव्हान किया. चंदन नदी उद्गम स्थल पर उन्होंने नक्षत्र वाटिका में पौधारोपण भी किया. इस दौरान नव निर्वाचित सांसद श्रीमती भारती पारधी, कटंगी विधायक गौरव पारधी, वारासिवनी विधायक विवेक विक्की पटेल, पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल ने भी संबोधित कर पौधरोपण कर जल संरक्षण का आव्हान किया.  

पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने कहा कि नदियां सिर्फ पानी या जल का स्त्रोत नही है. नदियां प्रारंभ से सभ्यताओं और संस्कृतियों की वाहक रही है. एक नदी के खत्म होने से सिर्फ नदी नही बल्कि सभ्यता समाप्त हो जाती हैं. नदियों के सहारे पीढियां पनपी है. अब भविष्य को संवारना है तो हमें हमारे जीवन मे पौधे लगाने और उन्हें जिंदा रखने की परंपरा अपनानी होगी. उन्होंने एक रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यही हाल रहे तो नर्मदा नदी 50 वर्षो तक ही रहेगी. इसके बाद इसकी धाराओं में पानी नही होगा. इसलिए छोटी-छोटी नदियों के उद्गम स्थलों को संवारना होगा. ये नदियां रही तो बड़ी नदियों तक पानी पहुंचेगा.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल ने नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंचने के बारे में बताते हुए कहा कि एक नदी का आकार छोटा होता है लेकिन ये छोटा आकार ही बड़ी नदी को जन्म देती है. छोटी-छोटी नदियों के पानी के सहारे ही बड़ी नदियों का जीवन है. नदियों के उद्गम स्थल बचाने के लिए ही उद्गम स्थलों तक पहुंच रहे है. अब तक वे 23 नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंच चुके है.  पंचायत मंत्री श्री पटेल ने कहा कि  नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंचने का उनका यह अभियान निरंतर चलता रहेगा. जब तक कि वो प्रदेश की सभी नदियों के उद्गम स्थलों तक नहीं पहुंचते. उन्होंने सभी नागरिकों से प्रार्थना करते हुए कहा कि आने वाली बारिश में एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे जिंदा रखने की जिम्मेदारी ले.  


Web Title : SAPLINGS WILL BE AVAILABLE ON DEMAND OF PANCHAYATS, BUT WILL HAVE TO GUARANTEE TO KEEP THE SAPLINGS ALIVE: MINISTER PATEL, PANCHAYAT MINISTER WILL VISIT THE ORIGIN OF ALL RIVERS OF THE STATE