झामसिंह की मौत की जांच और आदिवासी मांगो को लेकर आंदोलन 15 को, कोर कमेटी करेगी आंदोलन का नेतृत्व, आदिवासी झामसिंह की जांच और मांगो को लेकर गंभीर नहीं सरकार-कोर्राम

बालाघाट. कथित नक्सली मुठभेड़ में मारे गये छत्तीसगढ़ के कबिरधाम जिले के बालसमुंद निवासी झामसिंह धुर्वे की मौत की जांच और आदिवासियों की ज्वलंत मांगो को लेकर सर्व आदिवासी समाज, जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर आगामी 15 अक्टूबर को मुख्यालय में जन आंदोलन करने जा रहा है. जिसका नेतृत्व आदिवासी सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियों को लेकर बनाई गई कोर कमेटी करेगी. यह बात आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने कही.

इस दौरान आगामी 15 अक्टूबर को सर्व आदिवासी समाज द्वारा किये जा रहे जनांदोलन को समर्थन दे रहे भारत मुक्ति मोर्चा जिलाध्यक्ष राजेश मरार, मुस्लिम एवं दलित राष्ट्रीय एकता मंच संयोजक हाजी शोएब खान, ओबीसी महासभा जिलाध्यक्ष सौरभ लोधी, भारतीय बौद्ध महासभा प्रदेश सचिव धर्मेन्द्र कुरील एवं आदिवासी गोवारी समाज संगठन जिलाध्यक्ष महेश सहारे मौजूद थे. इसके अलावा आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष श्री कोर्राम ने कहा कि भी आंदोलन को भीम आर्मी, मूलनिवासी सहित अन्य संगठनों का समर्थन प्राप्त है.

श्री कोर्राम ने प्रेस से चर्चा करते हुए बताया कि विगत 15 सितंबर को कथित नक्सली मुठभेड़ में मारे गये आदिवासी झामसिंह धुर्वे की मौत की जूडिशली जांच, एसपी के स्थानांतरण और सर्चिंग पार्टी पर हत्या के तहत मामला दर्ज कराये जाने सहित आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, वनाधिकार, अधिकारी, कर्मचारियों के साथ प्रताड़ना, आदिवासी छात्र, छात्राओं को सुविधा सहित अन्य 9 सूत्रीय मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक ज्ञापन में उल्लेखित मांगो को लेकर कोई संतोषप्रद कार्यवाही नहीं की गई है और जिस तरह से शासन, प्रशासन का मांगो को लेकर रवैया दिखाई दे रहा है, उससे यह मांगे पूरी होते हुए भी दिखाई नहीं दे रही है. जिससे नाराज सर्व आदिवासी समाज द्वारा आगामी 15 अक्टूबर को जिला मुख्यालय में जनांदोलन किया जायेगा. जिसमें प्रदेश सहित जिले के सर्वआदिवासी समाज के अलावा आंदोलन को समर्थन दे रहे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि सहित गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सहित 7 प्रदेशो से आदिवासी प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह आंदोलन पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से होगा. पूर्व आंदोलन की तरह ही आदिवासी समाज के बंधु नगर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में शामिल हांेगे. जहां से रैली के माध्यम से झामसिंह की मौत सहित अन्य मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा जायेगा.

जिलाध्यक्ष श्री कोर्राम ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से सामाजिक आंदोलन होगा, जिसमें राजनीतिक रूप से किसी को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. सामाजिक आंदोलन में हर किसी को सामाजिक प्रतिनिधि के रूप में ही शामिल होना होगा. 15 अक्टूबर को सामाजिक रूप से होने वाले जनांदोलन में खुद की लड़ाई के लिए आदिवासियों से आगे आने सहित सामाजिक रूप से सहयोग के लिए जनप्रतिनिधियों से आंदोलन में शामिल होने का आव्हान किया गया है. उन्होने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार आदिवासी, एससी,एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यको के अधिकारो के प्रति संवेदनशील नहीं है. जिसके कारण इन लोगों को आये दिन प्रताड़ित होना पड़ रहा है.  

आदिवासी नेतृत्व की कमजोरी के कारण आदिवासी अधिकारों से हो रहे वंचित

प्रेसवार्ता के दौरान आजादी के सालों बाद भी आदिवासियों को हक और अधिकार से वंचित रहने के मामले में आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने कहा कि आदिवासी नेतृत्व के कमजोरी के कारण, आदिवासी प्रताड़ित हो रहे है. उन्होंने कहा कि आदिवासी नेतृत्व उदासीन हो गया है, षडयंत्रो के कारण अक्सर आदिवासी ठगा जाता है, जिसके लिए आज आदिवासियों को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है.


Web Title : THE GOVERNMENT WILL LEAD THE AGITATION, THE TRIBAL JHAMSINGH PROBE AND THE DEMANDS OF THE GOVERNMENT KORRAM, ON THE AGITATION 15, THE PROBE INTO THE DEATH OF JHAMSINGH AND THE TRIBAL DEMANDS.