मजदूरों को रोक नहीं पा रही सीमायें, फिर सैकड़ो की संख्या में बालाघाट पहुंचे मजदूर, बसों से पहुंचाया गया घर

बालाघाट. वैश्विक स्तर पर फैली नोबेल कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण की महामारी भारत के कोने-कोने में पहुंच गई है जिसको लेकर कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जनता से 22 मार्च को जनता कर्फ्यु का आह्वान किया था. जिसके सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पुनः पूरे भारत में 14 अप्रैल तक लॉक डाउन की घोषणा कर दी. जिससे पूरे देश में लॉकडाउन के हालत है, आवागमन के सभी साधन बंद है. जिसके बाद बड़ी संख्या में मजदूरों ने अपने-अपने घरों के लिए पलायन करना शुरू कर दिया. लॉक डाउन के कारण काम नहीं होने से दिहाड़ी मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया. काम की तलाश में बाहर गये यह मजदूर विभिन्न प्रांतों और जिलों की सीमा से गुजरते हुए कोई पैदल तो कोई निजी वाहन से, जिसको जो साधन मिल रहा है उससे वह चार सौ- 500 किलोमीटर का सफर तय करके घर पहुंचना चाहता है, यही कारण है कि रोजाना ही जिले से बाहर काम की तलाश में गये मजदूर काम बंद हेाने से बालाघाट आ रहे है. जिनके आवागमन पर रोक लगाने के लिए बंद की गई सीमायें भी उन्हें रोक नहीं पा रही है.

महाराष्ट्र से मंगलवार को सैकड़ो की संख्या में बालाघाट पहुंचे मजदूर

जिले के लांजी, किरनापुर, बैहर, मलाजखंड, बिरसा सहित विभिन्न क्षेत्रो से काम की तलाश में पलायन कर महाराष्ट्र गये मजदूर मंगलवार को सैकड़ो की संख्या में बालाघाट पहुंचे. सुबह से ही नपा में मजदूरों की भीड़ जमा होने लगी. हर कोई अपने घर जाना चाहता था. बालाघाट पहुंचे मजदूरों का नपा में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें बस के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया. जिसमें से 19 मजदूर मोवाड़ की ओर से भी बालाघाट पहुंचे थे. जिन्होंने बताया कि वह खेती मजदूरी के काम से महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्र में गये थे. जहां काम बंद होने से वह अपने घर आ लौट रहे है. उन्होंने बताया कि वह अपने कार्यस्थल से पैदल ही घर के लिए निकले थे. जिसके बाद मोवाड़ से उन्हें वाहन के माध्यम से बालाघाट लाया गया. जिन्हें भी नपा द्वारा बसों के माध्यम से उनके घर भिजवाया गया.  

सीमाओं के सील होने के बावजूद मजदूरों के शहर में पहुंचने पर खड़े हो रहे सवाल

30 मार्च से जिले की सभी सीमायें सील कर दी गई है और सीमावर्ती बेरियर पर ही बाहर से आने वाले मजदूरों के ठहरने और खाने की व्यवस्था की गई है. बावजूद इसके मजदूरों का बड़ी संख्या में मुख्यालय पहुंच जाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है. हालांकि कुछ मजदूर ट्रेनो के बंद होने से पटरियों से होते हुए मुख्यालय तक पहंुच रहे है. मंगलवार को भी बड़ी संख्या में मोवाड़ सीमा क्षेत्र से लोगों ने जिले में प्रवेश किया तो वहीं अन्य मार्गो से लोग लगातार बालाघाट पहुंच रहे है.  


Web Title : THE LABOURERS ARE NOT ABLE TO STOP THE BORDERS, THEN HUNDREDS OF LABOURERS REACHED BALAGHAT, HOUSES TRANSPORTED BY BUSES