शहर में पशुपालन नहीं होना चाहिये-सीएमओ, गौली मोहल्ला में सीएमओ ने पहुंचकर पशुपालकों को दिये निर्देश, नपा अधिनियम का दिया हवाला

बालाघाट. नगर में पशुपालकों द्वारा मवेशियों को बाहर छोड़ दिये जाने से आ रही यातायात और नागरिकों को समस्या के चलते नपाध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीतसिंह ठाकुर के सख्त निर्र्देश के बावजूद 30 अगस्त को भी शहर की सड़को पर मवेशी, विचरण करते नजर आये. जिसके बाद बाद देरशाम सीएमओ सतीश मटसेनिया, राजस्व अमले और पुलिस के साथ गौली मोहल्ला पहुंचे और पशुपालकों को नपा अधिनियम का पाठ पढ़ाते हुए शहर से बाहर ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन की समझाईश दी. यहां पशुपालकों के साथ चर्चा के दौरान सीएमओ सतीश मटसेनिया ने पशुपालकों को हिदायत दी कि वह यदि पशुपालन करना चाहते है तो नपा अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में जाकर करें, शहरी क्षेत्र में पशुपालन नहीं किया जा सकता.

सीएमओ के गौली मोहल्ला में पशुपालकों को बताये गये नपा अधिनियम से फिर कोई भी पशुपालक, घर पर पशुपालन नहीं कर सकता. जबकि ना केवल जनप्रतिनिधियांे के अलावा बल्कि नगरपालिका के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के घरो में भी पशुपालन हो रहा है. ऐसे में नपा सीएमओ का नपा अधिनियम को लेकर केवल गौली मोहल्ला में जाकर अधिनियम का पाठ पढ़ाया जाना समझ से परे है. फिलहाल अब देखना है कि पशुपालक, आगामी समय में इसको लेकर क्या कदम उठाते है.

इस दौरान नगरपालिका सीएमओ सतीश मटसेनिया ने बताया कि नगर में पशुपालकों द्वारा सड़क पर मवेशियो को छोड़ देने से जहां यातायात बाधित होता है, वहीं लोगो को भी असुविधा होती है. इससे नगरपालिका की छवि भी खराब हो रही है. जिसको लेकर आज पशुपालकों को निर्देश देने आये थे कि शहरी क्षेत्र में नपा अधिनियम के तहत पशुपालन प्रतिबंधित है, यदि उन्हें पशुपालन करना है तो वह ग्रामीण क्षेत्र में करें और यदि पशुपालक नहीं मानते है तो नपा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी. जिसके जिम्मेदार वे स्वयं हांेगे. शहर को साफ-सुथरा एवं स्वच्छ बनाये रखने के लिए प्रशासनिक अमले के साथ पशुपालकों को समझाईश दी जा रही है.  


Web Title : THERE SHOULD BE NO ANIMAL HUSBANDRY IN THE CITY CMO, CMO REACHED GAULI MOHALLA AND INSTRUCTED THE CATTLE REARERS, CITING THE NAPA ACT