ट्रायसेम हेंडपंप मैकेनिक संघ की 17 दिन भी जारी रही हड़ताल, मैकेनिक भुख हड़ताल पर कर रहे विचार

बालाघाट. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में काम करने वाले ट्रायसेम हेंडपंप मैकेनिकों की प्रदेश व्यापी अनिश्चिकालीन हड़ताल में बैठे जिले के हड़ताली ट्रायसेम हेंडपंप मैकेनिको की हड़ताल 18 सितंबर को के 17 वें दिन भी जारी रही. अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे गोपाल फुलाके ने बताया कि 1984 से ग्रामीण क्षेत्रो में ट्रायसेम हेंडपंप मैकेनिक, हेंडपंप संधारण का काम कर रहे है. प्रदेश के भिंड जिले में मैकेनिकों को दैवेभो मंे वर्गीकृत किया गया है. जबकि अन्य स्थानो पर विभाग के रिक्त पदो चौकीदार, स्टोरकीपर सहित अन्य पदो पर कार्य कर रहे हैं. हेंडपंप संधारण जोखिम भरा कार्य होने के बावजूद इसमें मैकेनिक के कार्य करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बावजूद उसे दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलता है. ग्रामीण क्षेत्रो में बेहतर पेयजल व्यवस्था देने में लगे हेंडपंप मैकेनिक, दशको बाद भी समस्याओं से जूझ रहे है, ऐसा  नहीं है कि ट्रायसेम हेंडपंप मैकेनिकों ने सरकार का ध्यानाकर्षण नहीं करवाया. विगत 2006 से लगातार वह सरकार से स्थायी कर्मी बनाये जाने की मांग कर रहे है लेकिन ना जाने क्यों सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि मैकेनिकों को महिनो-महिनो वेतन नहीं मिलता है. प्रदेश में 2013 से ट्रायसेम हेंडपंप मेकेनिक दैवेभो एवं कुशल श्रमिक की श्रेणी में कार्य कर रहा है, शासन ने आगर-मालवा में ट्रायसेम कर्मचारियों को दैवेभो कुशल श्रमिक श्रेणी में वर्ष 2013 से 2022 तक एरियर्स के रूप में भुगतान किया है. हमारी मांग है कि ट्रायसेम कर्मचारियों को स्थायी कर्मी करें. उन्होंने कहा कि 17 दिनों से ट्रायसेम कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है और जिले के हंेडपंप खराब पड़े है और ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो आगामी समय में हड़ताली मैकेनिक भुख हड़ताल करेंगे.


Web Title : TRISEM HAND PUMP MECHANICS ASSOCIATION CONTINUES STRIKE FOR 17 DAYS