घर और सार्वजनिक पंडालो में विराजें प्रथम पूज्य भगवान गणेश, आज भी की जायेगी स्थापना, दस दिनों तक होगी आराधना

बालाघाट. आज 18 सितंबर को प्रथम पूज्य भगवान गणेश के के आगमन को लेकर घर, मंदिर और पंडालो में भगवान गणेश की भक्तों द्वारा मनोहारी प्रतिमा को विराजित किया गया. चूंकि इस वर्ष बड़ा संयोग है कि आज ही भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का पर्व हरितालिका तीज महिलाओं द्वारा मनाई जायेगी और आज ही शिव-पार्वती पुत्र भगवान गणेश को विराजित किया गया. जिसके चलते तीज और गणेश चतुर्थी एक ही दिन होने से तीज पूजन के साथ ही भगवान गणेश की प्रतिमा भी विराजित की गई. जबकि कई जगह तीजा के दूसरे दिन अर्थात् 19 नवंबर को भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की जायेगी.   

18 सितंबर से प्रारंभ हुए गणेशोत्सव के शुभ मुहर्त में मंदिर, पंडालो और घरो में होगी विध्नहर्ता की प्रतिमा की स्थापना की गई.  

33 करोड़ देवी देवताओं में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरूआत आज 18 सितंबर से हो गई. सोमवार को भगवान गणेश की मनोहारी और आकर्षक प्रतिमाओं को पूरे भक्तिभाव के साथ मंदिर, पंडालों और घरो में विराजित किया गया और दस दिनों तक भक्तिभाव से उनकी पूजा-अर्चना, आराधना और उपासना की जायेगी.

10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में भक्ति का माहौल है. इस वर्ष सार्वजनिक स्थलों और घरो मंे गणेश स्थापना को लेकर खासी रौनक देखी जा रही है. कहते है कि विघ्नहर्ता और रिद्धी-सिद्धी के दाता एवं बुद्धि के विधाता भगवान गणेश की इन दस दिनों मंे की जाने वाली सच्चे मन से आराधना और उपासना करने वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है. जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे. इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. ऐसी कहा जाता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है. पूरे जिले में मनाये जाने वाले दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व को लेकर भक्तों मे जोश और उत्साह दिखाई दे रहा है.

बालाघाट का राजा पहुंचे धाम

नगर के सराफा बाजार में विगत कई सालों से गणेशोत्सव पर लालबाग के राजा की तर्ज पर बालाघाट के राजा की प्रतिमा विराजित की जाती है. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 18 सितंबर को गणेशोत्सव के प्रथम दिन मूर्तिकार संजु धामेजा द्वारा निर्मित की विशाल प्रतिमा को धूमधाम से लाकर विधि विधान से प्रतिमा की स्थापना की गई. गौरतलब हो कि गणेशोत्सव पर विराजित किये जाने वाले बालाघाट के राजा के दर्शनार्थ बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचते है.

श्री गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहुर्त                 

हिन्दू पंचांग के अनुसार 19 सितंबर मंगलवार को चतुर्थी तिथि सूर्योदय के समय रहेगी. जो पूरे दिन और रात भर मान्य होती है. अतः 10 दिवसीय गणेशोत्सव के लिए श्री गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रो. डॉ. अरविन्दचन्द्र के अनुसार 19 सितंबर मंगलवार को भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष, श्री गणेश चतुर्थी को श्रीगणेशजी को घर लाने और उनकी स्थापना का मुहूर्त प्रातः 10. 30 बजे से दोपहर 1. 30 बजे तक लाभ और अमृत चौघड़िया में सर्वश्रेष्ठ है. रात्रि में श्रीगणेशजी की स्थापना सायंकाल 7. 30 से रात्रि 9 बजे लाभ के चौघड़िया में श्रेष्ठ है. लगभग सभी पंचांग और पंचांग कैलेंडर के अनुसार श्री गणेश जी की स्थापना के लिए 19 सितम्बर मंगलवार को ही मूहूर्त दिए गए हैं.


Web Title : LORD GANESHA WILL BE WORSHIPED FOR 10 DAYS IN THE HOUSE AND PUBLIC PANDALS.