बिना सीएमओ के जानकारी के वार्ड के बदल दिए सुपरवाईजर, कांग्रेस पार्षदों ने खड़े किए सवाल, कांग्रेसी पार्षदो के वार्ड में ही बदले जा रहे कर्मी

बालाघाट. लोकतंत्र में दलो के बीच होने वाले चुनाव के बाद सत्ता में बैठने वाले सत्ताधारी सभी के होते है, यही नहीं बल्कि अक्सर सत्ता में बैठे लोग दलगत भावना से ऊपर उठकर भी कार्य करने का दावा करते है लेकिन ऐसा कम ही दिखाई देता है. बालाघाट नगरपालिका में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद भी, जब नगरपालिका के सभी पार्षद, सत्ताधारियों के लिए एक है तो फिर क्यों, केवल कांग्रेस पार्षदो के वार्डो में कर्मचारियों को बदलने या हटाने का प्रयोग किया जा रहा है. कांग्रेसी पार्षद, नगरपालिका अध्यक्ष पर दलगत राजनीति का सीधा आरोप लगा रहे है.   मामला वार्ड क्रमांक 27 में बिना सीएमओ और पार्षद की जानकारी के वार्ड सुपरवाईजर को बंद करने का है. जिसको लेकर कांग्रेस पार्षदों ने सीएमओ निशांत श्रीवास्तव से मुलाकात की और बिना पार्षदों को विश्वास में लिए वार्ड के नपा कर्मियों को हटाने या बदलने पर नाराजगी जाहिर की.

पूर्व पार्षद और वर्तमान वार्ड क्रमांक 07 पार्षद प्रतिनिधि छबिराम नागेश्वर ने कहा कि वार्ड क्रमांक 27 में सुपरवाईजर को बंद कर दिया गया है. जिसकी कोई जानकारी पार्षद को नहीं दी गई. जब हमने सीएमओ से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं है. फिर पता चला कि अध्यक्ष महोदय के द्वारा बंद करवा दिया गया है. ठीक है, यह उनका अधिकार है, लेकिन पार्षद को इसकी जानकारी देना था या उसे विश्वास में लेकर सुपरवाईजर को हटाना था. यदि अध्यक्ष के अधिकार है तो पार्षद का भी अधिकार है, चूंकि वार्ड में काम, पार्षद सुपरवाईजर को निर्देश देकर करवाता है और आज जब सुपरवाईजर नहीं आया तो पार्षद को परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने कहा कि छोटे वार्डो में दो वार्डो में एक सुपरवाईजर दिया जा रहा है.  

नेता प्रतिपक्ष योगराज कारो लिल्हारे ने कहा कि चुनाव के बाद अध्यक्ष को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी वार्डो में काम करना चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि अध्यक्ष महोदया, दलगत राजनीति कर रही है. वार्ड क्रमांक 27 में बिना पार्षद को जानकारी दिए, वार्ड के सुपरवाईजर को बंद कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यदि अध्यक्ष महोदया, नगर के सभी वार्डाे को लेकर निष्पक्ष है तो केवल कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड में ही परिवर्तन या प्रयोग किया जा रहा है. इससे पहले ही कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड में ही कचरा गाड़ी बंद करने और सुपरवाईजर को लेबर बनाने का काम किया गया. यह परिवर्तन और प्रयोग, भाजपा पार्षदांे के वार्ड में क्यो नहीं किए जा रहे है? सबसे चिंतनीय यह है कि यह प्रशासनिक फेरबदल है तो फिर सीएमओ महोदय को इसकी जानकारी क्यों नही है. जिसकी हमने सीएमओ से मिलकर शिकायत की है और उन्हें अंतिम रूप से बता दिया है कि ऐसे घटना की यदि पुनर्रावृत्ति होती है तो कोई भी कांग्रेसी पार्षद, न तो कचरा वाहन, ना लेबर और ना ही सुपरवाईजर लेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले को आगामी परिषद की बैठक में रखा जाएगा.  


इनका कहना है

मेरी जानकारी में नहीं है, चूंकि यह प्रशासनिक फेरबदल है तो मेरे संज्ञान में होना था. कुछ वार्डो के सुपरवाईजर, चेंज कर दिए गए है. जिसे संज्ञान में लेकर संबंधित को लेटर जारी कर पूछा जाएगा कि किस आधार पर चेंज किया गया है. जिसका पूरी जानकारी लेकर नोटिस जारी किया जाएगा.

निशांत श्रीवास्तव, सीएमओ, नगरपालिका


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