डाक मतपत्र को लेकर कर्मचारियों ने बरती लापरवाही? डाक मतपत्र को लेकर प्रशासन के तर्क से कांग्रेस प्रत्याशी सहमत नहीं, प्रशासन का कहना बीते चुनाव से ज्यादा मतदान

बालाघाट. जिले में व्यापक तौर से स्वीप गतिविधि की बावजूद निर्वाचन में लगे हजारों कर्मचारी ऐसे बताए जा रहे है, जिन्होंने मतदान नहीं किया. यही नहीं जानकारी में यह भी सामने आ रहा है कि निर्वाचन में लगे वाहन चालक भी अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर सके. जिसको लेकर कांग्रेस आरोप लगा रही है तो प्रशासन का तर्क है कि बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव से ज्यादा इस विधानसभा में डाक मतपत्र से मतदान किया गया है. वहीं इसे कर्मचारी की जिम्मेदारी बताते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मिश्रा का कहना है कि ट्रेर्निंग के बावजूद कर्मचारियों के समझ में त्रुटि हुई है, जिसके कारण कर्मचारी, मतदान नहीं कर सके.  23 नवंबर को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मंे निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों के मतदान नहीं कर पाने का मुद्दा उठा. हालांकि बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने आयोग के निर्देशों का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखा लेकिन इससे कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे सहमत नहीं है.  

कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा मुंजारे ने कहा कि स्टैंडिग कमेटी की बैठक में इस विषय को जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्लियर करने का प्रयास किया लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं था. निर्वाचन में लगे कई कर्मचारी अपने मतदान नहीं कर सके, जिससे वह ना केवल वे मतदान से वंचित रह गए बल्कि स्वयं को पीड़ित महसुस कर रहे है. जिले के निर्वाचन का काम देख रहे जिला निर्वाचन अधिकारी को इस समस्या के निराकरण करने का प्रयास करना था लेकिन वह इसको लेकर कुछ सुनने तैयार नहीं है. जबकि हमें लगातार इस तरह की शिकायत मिल रही है. इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी जिम्मेदार है. यदि आयोग के नए निर्देश आए थे तो उसे कर्मचारियों को बताना, निर्वाचन कर रहे अधिकारियों का काम है. निर्वाचन में लगे कर्मचारियों का मतदान नहीं कर पाना, लोकतंत्र के लिए दुःखद है, इससे राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को वोटों का तो नुकसान हो ही रहा है, बल्कि यह लोकतांत्रिक ढांचे के लिए भी उचित नहीं है. जिसकी जिला निर्वाचन अधिकारी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए, लेकिन वह भाजपा शासनकाल में स्वीकार नहीं कर रहे है, बल्कि वह कर्मचारियों की समझ पर सवाल खड़े कर उन पर ठीकरा फोड़ने का काम कर रहे है. जिसकी जानकारी हमने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथजी को की है और आगामी 26 नवंबर को कांग्रेस की भोपाल में बैठक में हम इसे रखेंगे. जरूरत पड़ी तो हम न्यायालय में भी जाएंगे.  

वहीं निर्वाचन में लगे कर्मचारियों के मतदान से वंचित होने के सवाल पर जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ. मिश्रा का कहना है कि पोस्टल बैलेट को लेकर आयोग के जो निर्देश थे, हमने उन्हें तीनो ट्रेर्निंग में कर्मचारियों को बताया है और उन्हें फार्म-12 दिया गया है, जिले में बैलेट पेपर से मतदान के आंकड़े देखे तो बीते विधानसभा, लोकसभा, पिछली विधानसभा की अपेक्षा इस बार पोस्टल बैलेट में बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि बीते चुनावो में पोस्टल बैलेट का आंकड़ा 6-7 और 9 हजार था. हमने सभी एजेंसी को एप्रोच किया था, जिनके कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी, उन्हें कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट दिया था. कई कर्मचारियो ने मतदान किया लेकिन कई कर्मचारी पोस्ट से भेजेंगे और बाद में भेज सकते है पर रहे, जिनके समझ में त्रुटि होने के कारण, मतदान नहीं हो सका. जबकि हमें व्यापक प्रसार-प्रचार किया था.


Web Title : WAS THE STAFF NEGLIGENT ABOUT THE POSTAL BALLOT? CONGRESS CANDIDATES DO NOT AGREE WITH ADMINISTRATIONS ARGUMENT ON POSTAL BALLOT, ADMINISTRATION SAYS MORE VOTING THAN LAST ELECTION