देवघर/सारठ (बिजय कुमार, ब्यूरो, संथाल परगना) : ग्रामीण विकास विभाग के तहत करीब साढ़े दस करोड़ की लागत से पतरो नदी के कुंडारो-जमुआ घाट पर बनने वाले उच्चस्तरीय पूल का शिलान्यास करने बुधवार को कृषि मंत्री रंधीर सिंह हाथी पर सवार होकर पहूंचे थे.
बताते चलें कि उक्त घाट पर पूल की मांग कुंडारो, जमुआ, धोबनिया, देवघरबाद, रांगामटिया समेत अगल-बगल के कई गांवों के लोग वर्षों से कर रहे थे. वहीं स्थानीय विधायक सह कृषि मंत्री ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही जीत मिलने पर उक्त घाट पर पूल का निर्माण करवाने का वादा भी किया था. जिसे अपने चार वर्शो के कार्यकाल में आज पुरा करके दिखाया दिया है.
लोगों ने कहा कि मंत्री के अथक प्रयास से उक्त पुल की स्वीकृति मिलने के बाद क्षेत्र के लोगों में मंत्री के प्रति आपार समर्थन भी देखा गया था और योजना के शिलान्यास में हाथी पर सवार होकर आने का अनुरोध भी किया था. मंत्री ने अपने घोषणा के अनुसार हाथी पर चढ़कर ही शिलान्यास स्थल पहूंचे हुए थे.
दोआब क्षेत्र में पुल नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. स्वतंत्रता सेनानी बालेश्वर महतो का बनेगा स्मारक: कृषि मंत्री ने कुंडारो निवासी स्वतंत्रता सेनानी बालेश्वर महतो के स्मारक व शेड का निर्माण का भी शिलान्यास किया.
मंत्री ने कहा कि स्व0 बालेश्वर महतो को सारठ के लोग कभी नहीं भुलेंगे. उन्होने अपने विधायक कोष से उक्त स्मारक व शैड निर्माण की आधारशिला रखी और बालेश्वर महतो के चित्र पर माल्यार्पण भी किया. पुर्व के जनप्रतिनिधियों को जमकर कोसा: शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने पूर्व के जनप्रतिनिधियों पर भी जमकर भड़ास निकाली और कहा कि पूर्व के जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ वोट बैंक की राजनीति की. कभी क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं हुए.
संबोधन के दौरान मंत्री ने स्थानीय सांसद पर भी निशाना साधा और कहा कि यदि हमारे सांसद शिबु सोरेन का साथ मिलता तो हमारे विधानसभा में और भी दर्जनों योजनायें धरातल पर होती. उन्होंने कहा कि क्षेत्र को मॉडल विधानसभा बनाके ही दम लुंगा.
मौके पर भाजपा नेता रवि तिवारी, विभाग के सहायक अभियंता सुर्यप्रकाश चौधरी, कनिय अभियंता महफुज आलम, संवेदक मनोज सिंह, पूर्व मुखिया नरेश यादव, नीलकंठ यादव, अजीत यादव, श्रीकांत यादव, मौलाना अशरफ, विष्णु राय, संतोश साह, विनोद मंडल समेत हजारों की संख्या में मंत्री के समर्थक व अन्य मौजूद थे.